दोस्तों जून के बाद गलवान में हुई हिंसक झड़प को कई लोग दिमाग से निकाल चुके होंगे लेकिन इतना समय गुजर जाने के बाद भी आपको बता दें लद्दाख में इंडो-चाइना सीमा में दोनों ओर से तनाव जारी है। अब सर्दियां आने वाली है इस स्तिथि में दोनों पालों से अपने अपने लिये आवश्यक शीत कालीन सामग्री एकत्रित की जा रही है। इसी बीच सूत्रों की माने तो चीन की ओर से बड़े बड़े लाउड स्पीकर्स में पंजाबी गाने बजाए जा रहें हैं। आखिर क्या है इन पंजाबी गानों का मतलब क्या ये कोई नई चीनी चाल है। या फिर कुछ और जानने के लिये आगे पढ़ें।
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आपको बता दें दरहशल यह चीन की ऐतिहासिक चाल का हिस्सा है। जिसका सीधा सीधा अर्थ दूसरे देश की संस्कृति को दिखाना होता है। और संस्कृति प्रदर्शन करके एक मनोवैज्ञानिक भावना दूसरे देश के नागरिकों में पैदा करना होता है कि सामने वाला देश हमारी संस्कृति को जानता व समझता है।
दोस्तों आपको बता दें कि चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रस्तावित किया जिसमें उसका कहना है कि बहुत साल पहले यानी 202 bc में गैक्सिया के युद्ध में कुछ ऐसी ही युद्ध रणनीति का उपयोग किया गया था जिसमें एक दूसरे की ओर से एक दूसरे की संस्कृति का प्रदर्शन किया गया था। इससे सामने वाली सेना यह समझने में मजबूर हो गयी कि दुश्मन सेना को हमारी संस्कृति की अच्छी पहचान है और शायद ये हमारे दुश्मन नहीं हैं।
गैक्सिया का युद्ध लियू बैंग और जियांग यू की चू सेना के बीच हुआ था जिसमें लियू बैंग ने विरोधी सेना की संस्कृति का प्रदर्शन के दम पर विरोधी सेना को हरा दिया और चीन में अपना आधिपत्य जमा लिया।
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