जैसा कि हम सभी जानते है पौड़ी में गढ़वाल राइफल कि भारतीय शुरू हुए काफी समय हो चुका है। राइफल्स रेंजीमेंट सेंटर (जीआरआरसी) लैंसडौन की ओर से विक्टोरिया क्रॉस गबर ङ्क्षसह कैंप में 13 दिवसीय भर्ती रैली की दिसम्बर 2020 को शुरुआत हुई।
शुक्रवार को देहरादून जिले की चकराता, विकासनगर और त्यूनी तहसील क्षेत्र के युवाओं की भर्ती हुई। भर्ती के दौरान बहुत से दस्तावेजों को आवश्यकता होती है,उनके बिना युवा आगे परीक्षण नहीं कर सकते हाल ही में पता चला है कि कुछ युवाओं के पास फर्जी दस्तावेज पकड़े गए। जी हां, सेना भर्ती रैली के 13वें दिन देहरादून जिले के युवाओं की भर्ती आयोजित की गई।जिसमे पहले युवाओं प्रारंभिक जांच के बाद युवकों को दरबान सिंह स्टेडियम में 1600 मीटर दौड़ाया गया, जिसमें 317 युवकों ने दौड़ पूरी की।उसके बाद जब उनके डॉक्युमेंट्स को जांच करने की बारी आयी तो एक एक कर लगभग 50 युवाओं के प्रमाणपत्र फर्जी निकले। वे सभी युवा उत्तर प्रदेश के अलग अलग शहेरों से थे।यह भी पड़िए:मिलिट्री में सिलेक्शन नहीं हो पाने के कारण आरोपी पैरा कमांडो की ड्रेस में घूमता था,आर्मी की खुफिया टीम ने दबोच लिया..
उन्होंने बताया कि यह फर्जी कागच को बनाने के लिए दलालों ने उनसे 15 से 30 हजार रूपए लिए। सेना के अधिकारियों ने उन युवाओं के फर्जी कागजात जिसमे( प्रमाणपत्र मूल निवास, शैक्षिक पत्र) जब्त कर लिए और उन्हें कैंप के बाहर निकाल दिया। अधिकारी कर्नल विनीत बाजपेयी ने बताया कि भर्ती रैली के दौरान सभी नियमों का ध्यान रखा जा रहा है। प्रमाणपत्र से भर्ती होना मुमकिन नहीं है। उन्होंने युवाओं से दलालों के चक्कर में न पड़ने की अपील भी की है। यह सेना भर्ती दो जनवरी तक है जिसमे ऋषिकेश, डोईवाला, कालसी तहसील क्षेत्र के युवाओं की भर्ती की जाएगी।