एक बार फिर पुलिस ने अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल कर किसी बेगुनाह की जान ली है। मामला उत्तराखंड का मैदानी शहर बाजपुर का है जहां गुटखा न देने से बौखलाए कांस्टेबल ने गरीब खोखे वाले के साथ साथ तीन अन्य लोगो पर कार चढ़ा दी । मामला 30 दिसंबर की रात का है जब एक कंसाटबल के साथ तीन अन्य लोग गुटखा लेने एक गरीब व्यक्ति के खोखे में गुटखा लेने गए।जिसने गुटखा देने से मना किया तो कांस्टेबल बौखला गया तो उसके साथ तीन लोगो ने मिलकर खोखे वाले के उपर कार चढा दी और तीन अन्य लोगो को घायल कर दिया। खोखे वाले की उसी समय मौत है गई।
घटना की खबर मिलते ही पुलिस वालों ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया जिसका अंजाम था कि पूरे शहर में जमकर बवाल हो गया।हंगामा देख पुलिस वालों भी डर गए और उन्होंने ज्लद ही करहवाही कर ली।फिर उन्होंने आरोपी कांस्टेबल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।यह भी पड़िए:मिलिट्री में सिलेक्शन नहीं हो पाने के कारण आरोपी पैरा कमांडो की ड्रेस में घूमता था,आर्मी की खुफिया टीम ने दबोच लिया..
इस घटना ने उत्तराखंड पुलिस पर जमकर सवाल खड़े कर लिए।मामले की गंभीरता को देखते हुए अब पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बाजपुर के नाइट ड्यूटी ऑफिसर के साथ साथ सोशल मीडिया मॉनीटरिंग सेल के सारे स्टाफ को निलंबित करने के आदेश दे दिया है।इसके साथ साथ सोशल मीडिया सेल के प्रभारी को भी सस्पेंड कर दिया गया। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि 30 दिसंबर की रात को ऊधमसिंहनगर के थाना बाजपुर में हुई घटना को स्थानीय पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। आमजन के साथ समन्वय स्थापित नहीं हो सका। जिससे शांति और कानून व्यवस्था प्रभावित हुई। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही पोस्टों के संबंध में भी समय पर कार्रवाई नहीं हुई, जिससे माहौल खराब हुआ। इसीलिए संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है।