हल्द्वानी न्यूज़: बेटे के फर्ज को बहुओं ने निभाया, हल्द्वानी में सास की अर्थी को दिया बहुओं ने कंधा…

0
The daughter-in-law fulfilled the duty of the son, the daughter-in-law gave shoulder to the mother-in-law in Haldwani

हल्द्वानी न्यूज़: मानसिकता के कारण स्त्री चाहे जिस भी जाति की रही हो वह जन्म से ही अपने आपको असहाय और अबला समझकर सदैव पुरुषवादी मानसिकता का शिकार होती रही है। आज समाज में तमाम तरह के बंधनों से जकड़ी महिलाएं स्वयं की मुक्ति और अपनी अस्मिता के लिए देश के हर कोने से आवाज उठा रही हैं। हर क्षेत्र में स्त्री आज पुरुष की बराबरी कर रही है। स्वामी विवेकानंद ने भी कहा है कि जब तक महिलाएं स्वयं अपने विकास के लिए आगे नहीं आएंगी तब तक उनका विकास असंभव है।ऐसी ही एक रूढ़िवादी परंपरा को खत्म कर हल्द्वानी के गौलापार के एक छोटे से गांव में बहुओं ने मिसाल कायम की है। जो फ़र्ज़ बेटे निभाते है ,वो काम बहुओं ने कर दिखाया है।अक्सर हमने सास बहू के लड़ाई झगड़े ,नोक झोंक के अनगिनत किस्से सुने है।लेकिन आज हमे सास बहू का प्रेम भी देखने को मिला है।

जानकारी इस प्रकार है कि 84 वर्ष की बुजुर्ग महिला बसंती रौतेला का निधन हो गया।लेकिन जब बेटे वहां मौजूद नहीं थे तो दोनों बहुओं ने आगे आकर मजबूत बन ,अपनी सास को कंधा दिया।लभग एक किलोमीर तक बहु मोनिका और रीता रौतेला ने सास को कंधा दिया।इसके बाद शवयात्रा रानीबाग स्थित घाट पर पहुंचे जहां पोते योगेश और नवीन रौतेला के साथ भतीजे जगमोहन रौतेला ने को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार संपन्न किया गया। प्रेम का यह नजारा देख लोगो के ह्रदय पिघल गए और आंखो से आसूं नहीं रुके।आगे पढ़िए

यह भी पड़िए: उत्तराखंड के इस बस ड्राइवर ने 14 लोगो की जिंदगी बचाई, और खुद मौत के मुंह में समा गया..

इस परिवर्तनशील समाज में वैदिक काल के बाद स्त्रियों की स्थिति काफी उतार – चढ़ाव भरी रही है। आज भी स्त्रियाँ अपने अधिकार के लिए सामाजिक रूढियों परम्पराओं और अपने अस्मिता के प्रश्न को लेकर जूझती नजर आ रहीं हैं।लेकिन आज दोनों भाइयों ने अपनी सास को कंधा देकर यह साबित कर दिया है कि बहू एक बेटे का फर्ज भी अदा कर सकती है।और वह भी सास की बेटी कहला सकती है।

यह भी पड़े: उत्तराखंड: गढ़वाल राइफल भर्ती में आए 39708 युवाओं में से केवल 6776 युवा हुए पास, सेना ने जताई चिंता…

यह भी पड़े:उत्तराखंड के चंदौली गांव के मुकेश नेगी ने UKPSC परीक्षा में हासिल करी पहली रेंक.. आप भी इनको बधाई दे..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here