उत्तराखंड में अनोखा विरोध प्रदर्शन, 70 गावों की 7000 से अधिक ग्रामीणों ने बनाई 19 KM लंबी मानव श्रृंखला, देखिए तस्वीरें…

0
Unique protests in Uttarakhand, 19 KM long human chain formed by more than 7000 villagers from 70 villages

गोपेश्वर में नंदप्रयाग-घाट (19 किमी) सड़क के डेढ़ लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर एक महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे ग्रामीणों ने मानव श्रृंखला बनाकर सरकार पर दबाव बनाया। रविवार को घाट और कर्णप्रयाग ब्लाक के 70 ग्राम पंचायतों के 7000 से अधिक ग्रामीण एकजुट हुए और दो गज दूरी के नियम के साथ घाट बाजार से नंदप्रयाग बाजार तक 19 किमी मानव श्रृंखला बनाई। 

गोपेश्वर में नंदप्रयाग-घाट सड़क के डेढ़ लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर एक महीने से ज्यादा से धरने पर बैठे ग्रामीणों ने मानव श्रृंखला बनाकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करी। बीते रविवार को घाट और कर्णप्रयाग ब्लाक के 7000 से अधिक ग्रामीण 70 ग्राम पंचायतों एकजुट हुए और दो गज दूरी के नियम के अनुसार घाट बाजार से लेकर नंदप्रयाग बाजार तक 19 किमी मानव श्रृंखला बनाई।

इतने जादा लोगों से वहां पर जाम लग गया और उस भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ने सड़क डेढ़ लेन चौड़ीकरण करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार ने कुछ काम नहीं करने पर सब ग्रामीण उनके खिलाफ हैं।उनका कहना है कि सरकार ने अगर जल्द मांग न मानी तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। सड़क को डेढ़ लेन में तब्दील करने को लेकर 36 दिनों से घाट बाजार में ग्रामीण मांग कर रहे है और धरने पर बैठे हैं। 

इस आंदोलन को और तेजी से फैलाना के लिए और सरकार तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों ने 19 किमी मानव श्रृंखला बनाने का निर्णय लिया था। और फिर उसके बाद छेत्र के 70 गांव के ग्रामीण एक झूट होकर अपने अपने छेत्र के वाहनों के साथ इक्कठा हुए। 11:00 बजे से दोनों जगहों दो गज की दूरी बनाकर मानव श्रृंखला बनाई गई। गणेश नगर, सेरा,घाट , तेफना, राजबगठी, ग्वाला,मंगरौली, चटग्याला,थिरपाक, पुणकिला, , गंडासू, कमेड़ा, नौला-बनाला, नंदप्रयाग, खटगोली, , कांडई पुल, जाखणी, सेतोली, , घिंघराण में सभी ग्रामीणों का भीड़ उम्र पड़ी।पुलिस को कांडई पुल पर लोगों की भीड़ को हटने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।और आधे से जदा घंटो तक जाम भी लगा रहा।

यह भी पड़िए:उत्तराखंड: जानिए बर्ड फ्लू के दौरान चिकन और अंडा खाना कितना सुरक्षित, पड़िए WHO ने क्या रिकमेंड किया…

सेरा गांव की ऊषा रावत और भरत सिंह नेगी 68 वर्षीय बुजुर्ग का कहना था कि वे लंबे समय से सड़क चौड़ीकरण और डामरीकरण की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, जिस कारण आक्रोशित ग्रामीणों ने विरोध का यह अनूठा कदम अपनाया है। 36 दिनों से चल रहे क्रमिक धरने घाट बाजार में ग्रामीणों ने अनशन में तब्दील कर दी। टैक्सी यूनियन अध्यक्ष मनोज कठैत, , पुन्यारा महादेव टैक्सी यूनियन अध्यक्ष यशपाल सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य गुड्डू लाल और मनोज रावत ने मानव श्रृंखला बनाने के दौरान ही अनशन शुरू कर दिया है। 

अनशनकारियों का कहना है कि मांग पर सरकार की तरफ से सकारात्मक कार्रवाई के बाद ही आंदोलन स्थगित किया जाएगा। इस गोपेश्वर- नंदप्रयाग घाट मार्ग का निर्माण वर्ष 1962 में हुआ था और तब यह सड़क घाट ब्लाक के 55 और कर्णप्रयाग के 15 ग्राम पंचायतों को यातायात से जोड़ा करती थीं। यह मार्ग विभिन्न गांवों से गुजरते हुए मां नंदा के सिद्धपीठ कुरुड़ को जोड़ता है। नंदप्रयाग से छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांडईपुल से एक मार्ग बैरासकुंड क्षेत्र को जोड़ता है।

यह भी पड़िए: दामाद को दहेज में नहीं मिली बाइक तो ससुर को बनाया बंधक, और घर में लगा डाली आग..

और इसी मार्ग को ग्रामीण डेढ़ लेन तक चौड़ा करने की मांग कर रहे है और उसके लिए अनशन पर भी बैठे हैं।
यह प्रस्ताव अभी फिलहाल मुख्य अभियंता को भेज दिया गया था, जो अब बजट स्वीकृति के लिए शासन को भेज दिया गया है। मार्ग पर डामरीकरण कार्य किया जाना प्रस्तावित है, लेकिन आंदोकारण डामरीकरण भी नहीं कर पा रहे। ग्रामीणों को हिम्मत देख कर सरकार को भी जल्द से यह कार्य जल्दी से जल्दी पूरा करना चाहिए ताकि आगे ग्रामीणों को कोई परेशानी ने हो पाए।

यह भी पड़िए:उत्तराखंड में युवाओं ने लिए खुशखबरी, पटवारी सहायक लेखाकार और प्रयोगशाला सहायकों के इतने पदो पर निकली भर्ती..

यह भी पड़िए:कोरोना वायरस को मात देने के लिए उत्तराखंड तेयार. इस दिन से सुरु होगा उत्तराखंड में टीकाकरण का आगाज…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here