हल्द्वानी – नैनीताल जिले से अस्पताल की लापरवाही की खबरें सामने आई हैं। कोविड-19 में भी उत्तराखंड के कई सरकारी स्कूलों से लापरवाही की बातें सुनने को मिली थी। और अब रामनगर अस्पताल पीपीपी मोड से आई लापरवाही खबरें आई है।
गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कहती रह गई, प्रशासन और स्टाफ के आगे उसका पति हाथ जोड़ता रह गया मगर किसी ने एक भी नहीं सुनी। ना स्टाफ टैंपो में बैठी महिला को देखने आया और ना ही उसे अस्पताल के अंदर ले जाने की अनुमति दी गई। फिर महिला ने टैंपो में ही बच्चे को जन्म दे दिया। अभी फिल्हाल बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है।
यह मामला रामनगर के गुलरघट्टी के रहने वाले मो.शकील की 27 साल की गर्भवती पत्नी का है जो कि सुबह उसे प्रसव पीड़ा होनी शुरू हो गई। जिसके बाद परिवार वाले उसे पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे रामनगर अस्पताल में ले आए। 10 बजे सुबह करीब जब परिजन पीड़िता के साथ हॉस्पिटल के गेट पर पहुंचे तो अंदर से स्टाफ को बुलाया गया। महिला के परिवारजनों का आरोप है कि अस्पताल का डॉक्टर और स्टाफ कोई भी महिला को देखने तक नहीं आया।
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करीब 10 मिनट के बाद मिहला ने बच्चे को टैंपो में ही जन्म दे दिया। हालांकि उसके बाद अधिक भीड़ लगने से जब अस्पताल पर दबाव पड़ा तो उन्होंने फौरन जच्चा-बच्चा को भर्ती कर लिया और पति मो. शकील ने बताया कि बेटे का जन्म छह महीने में हुआ है। जिसके कारण वह परिपक्व नही है। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे रेफर कर दिया गया है।
सीएमओ डॉ भागीरथी जोशी और पीपीपी अस्पताल के मैनेजर डॉ राकेश वाटर ने इधर जल्द ही मामले को ही संज्ञान में लेने की बात कही। दोनों ने कहा कि इसका रवैया गलत है और इसकी जांच की जाएगी।
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