उत्तराखंड न्यूज़: देहरादून में पकड़ा गया विदेशियों को ठगने वाला फर्जी कॉल सेंटर, चार कर्मचारी गिरफ्तार…

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Fake call centre caught in dehradun

आजकल ठग और लूटपाट के आए दिन कई मामले सामने आते है। समान्य जीवन में ही नहीं बल्कि अब तो ऑनलाइन भी यह चीजे शुरू हो चुकी है।अब देहरादून में ही देख लीजिए जहां साइबर क्राइम पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स ने विदेशियों से की जाने वाली ठगी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर के माध्यम से गिरोह का खुलासा किया है। जिसमे उन्होंने कॉल सेंटर के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार के चुका है।

पुलिस ने बताया कि ये लोग विदेशों में रहने वाले सेना से रिटायर अधिकारियों,बुजुर्गों एवं दिव्यांगों से ठगी करते थे।पुलिस को इस कॉल सेंटर के बारे में शिकायत मिली थी जिसके बाद एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा और अपर पुलिस अधीक्षक स्वतंत्र कुमार की देख रख में साइबर पुलिस, दूरसंचार विभाग, और वसंत विहार पुलिस की संयुक्त टीम बनाई गई।बृहस्पतिवार की देर रात को इस टीम ने क्वीन्स टावर में स्थित कॉल सेंटर में प्रवेश लिया और वहां मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ शुरू की।लेकिन उनसे कोई भी सही जवाब प्राप्त नहीं हुए।उनका कहना था वे पहले दिल्ली काम करते थे कुछ समय बाद उन्हे देहरादून भेज दिया।

जानकारी के मुताबिक वे लोग डाटाबेस के आधार पर अमेरिका में रहने वाले लोगों को फोन के द्वारा डरा धमकाकर बीमा पॉलिसी पर स्कीम या बोनस का लालच देकर उनसे धोखाधड़ी करते थे।इसके लिए उन्हें तय की गई राशि वसूलने का लक्ष्य दिया जाता था।और उनसे ली गई धनराशि वहां के अधिकारियों के खातों में ट्रांसफर करते थे।उन सभी कर्मचारी का एक वट्सप ग्रुप था जिसपर स्क्रिप्ट,डाटाबेस,ऑडियो और कर्मचारी मिलते थे।वहां से पुलिस को 4 लाख 34 हजार रुपये, अंतरराष्ट्रीय समय बताने वाली तीन घड़ी,एक फॉरच्यूनर कॉर,एक आईपैड,कंप्यूटर, एक वाईफाई,8 मोबाइल, मिले है। गिरफ्तार लोगो की पहचान संदीप गुप्ता निवासी मंगोलपुरी, नई दिल्ली,अर्चित विलफ्रिड निवासी शनि मंदिर, कैनाल रोड, देहरादून, दानिश अत्री निवासी विष्णु गार्डन, नई दिल्ली,नारायण अधिकारी निवासी सेक्टर सात, रोहिणी, नई दिल्ली के रूप में हुई है।एसटीएफ एवं अन्य पुलिस कर्मियों का मानना है कि इससे एक बड़े गिरोह का खुलासा होने की सम्भावना है।

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