रविवार शाम पौड़ी गढ़वाल जिले के द्वारीखाल ब्लॉक में ग्राम सीमल्या का रहने वाला सतबीर अपनी 35 बकरियों को लेकर जंगल में गया था। साथ में उसकी चचेरी बहन किरन और बहन सिमरन भी थी।सतबीर ने बताया की जंगल की दूसरी ओर आग लगी हुई थी, लेकिन इस ओर वो अपनी बकरियों को लेकर गया था उस तरफ सब ठीक था। और कुछ देर बाद ही उन्हें अपनी बकरियों को लेकर घर लौटना था लेकिन तभी बहुत तेज हवा चलने लगी।
उसके बाद सतबीर का कहना है की, वो बहनों से बातें कर रहा था और उन्हें पता ही नही चला की वो कब आग के घेरे में आ गए हैं। जब उन्होंने अपने सामने आग ही आग देखी तो वो लोग डर गए। सतबीर के साथ उसकी दोनो बहने रोने लगी, उसके बाद सतबीर डरे नहीं।उसने तुरंत पेड़ से हरी टहनियां तोड़ी और आग बुझाना शुरू किया और अपने लिए बाहर जाने का रास्ता बनाया।
उसके बाद सतबीर ने अपनी बहनों को आग से दूर सुरक्षित पहुंचाया, और फिर अपनी बकरियों को पहुंचाया, लेकिन आग में सतबीर की 5 बकरियों की जान चले गई, और सतबीर ने अपनी जान पर खेलकर कुल 30 बकरियां बचाई। बताया जा रहा है की, इस दौरान सतबीर काफी झुलस गया। सतबीर के कपड़ों ने आग पकड़ ली थी,तो वो तुरंत तीनों सौ मीटर दूर नदी की तरफ भागा, उसने नदी में छलांग लगा दी।
वहीं उसकी दोनो बहनों ने गांव में इस बारे में सूचना दी। जिसके बाद सारे गांव वाले मौके पर पहुंचे, वहीं उन्होंने देखा की सतबीर नदी से निकल कर तट पर लेटा हुआ था। गांव के लोग उसे एम्बुलेंस से कोटद्वार के बेस अस्पताल लाए। वहीं डॉक्टरों का कहना है की, सतबीर की हालत अब खतरे से बाहर है। सतबीर और उनके गांव को सतबीर के साहस देखकर गर्व हो रहा है। आपको बता दें की, सतबीर मात्र 11वी कक्षा का छात्र है। और वाकई सतबीर ने अपनी हिम्मत दिखाकर अपनी बहनों और अपनी बकरियों की जान बचाई है।