पूरे विश्व में कोरोना वायरस का एक बार फिर से डर सता रहा है। वहीं उत्तराखंड में बर्ड फ्लू के बाद एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में पार्वो वायरस ने दस्तक दी है। बताया जा रहा है की, रुद्रप्रयाग जिले में इस वायरस की चपेट में आने से कई कुत्तों की मौत हो चुकी है। सभी लोग रुद्रप्रयाग जिले में डरे हुए हैं। आपको बता दें की, जिले में अब तक करीब 50 फीसदी से ज्यादा कुत्ते पार्वो वायरस की चपेट में आ चुके हैं। जानकारी मिली है की, पशु चिकित्सालयों में बीमार कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है, तो वहीं इस बीमारी के लिए इलाज के इंतजाम कम पड़ने लगे हैं। वहीं इस बीमारी से निपटने के लिए पशुपालन विभाग हरसंभव कोशिश में जुटा है।
पशु चिकित्सकों के अनुसार ये विषाणुजनित रोग मौसम परिवर्तन से फैलता है। और पार्वो वायरस से बड़े जानवरों को पार्वो वायरस से बड़े जानवरों को खतरा नहीं होता है, पर यह वायरस छोटे जानवरों के लिए बेहद खतरनाक होता है। यह संक्रमण आंतों में फैलता है, जिसमें खून की उल्टियां होती हैं और मौत हो जाती।
अब तक जिले के ऊखीमठ, फाटा, रुद्रप्रयाग, रामपुर, गुप्तकाशी, अगस्त्यमुनि, चंद्रापुरी और जखोली समेत कई क्षेत्रों के पशु केंद्रों में हर दिन 10 से 15 पालतू कुत्ते इलाज के लिए आ रहे है। बताया जा रहा है, जिले के अस्पतालों में अब तक दो हजार से ज्यादा कुत्ते भर्ती हो चुके हैं। पार्वो वायरस की चपेट में आने से कई कुत्तों की मौत भी हुई है। वहीं जिन कुत्तों को पैदा होने के आधे महीने और डेढ़ महीने में पार्वो का टीका लगता है, उनमें ये बीमारी नहीं होती।
और उसके बाद इसके साथ ही ढाई महीने में बूस्टर डोज लगाया जाता है। पार्वो वायरस से बचाव के लिए सभी कुत्तों का टीकाकरण कराया जाना जरूरी है। पार्वो वायरस से संक्रमित कुत्तों के व्यवहार में कई तरह के बदलाव आते हैं। यह वायरल बीमारी है, और अगर समय पर इसका इलाज नहीं मिलता है तो कुत्ते की मौत हो सकती है। जो की रुद्रप्रयाग जिले में देखने को मिल रही है।
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