बिहार से एक अनोखा मामला सामने आ रहा है। यहां के आरा जिले के 17 साल के नीतीश कुमार के जबड़े में 32 नही बल्कि 82 दांत पाए गए थे। यह देख आम आदमी तो क्या डॉक्टर भी हैरान थे। अप भी सोच रहे होंगे 82 दांत एक इंसान के जबड़े में। लेकिन हम आपको बता दे की यह दांत समय के साथ बढ़ते चले जा रहे थे और यह सामान्य दांतों से भिन्न थे। इलाज के लिए नीतीश ने दिल्ली से लेकर बहुत से बड़े बड़े शहरों के अस्पतालों के चक्कर लगाए लेकिन मामला डॉक्टरों की पकड़ में न आ सका। बात का खुलासा पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के मैग्जिलोफेशियल यूनिट ने किया। उन्होंने जांच कर पता लगाया की यह ट्यूमर है। जब इसका ऑपरेशन किया गया तो उन्होंने 82 दांतों का गुच्छा पाया। डॉक्टरों ने बताया कि अभी तक ऐसा मामला नहीं आया था।
IGIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल का कहना है कि नीतीश कुमार दर्द से कुछ खा पी नही रह रहे थे और इससे बहुत परेशान था क्योंकि उनके जबड़े के निचले हिस्से में बहुत सूजन थी। लेकिन उनके मुंह के अंदर किसी भी तरह की परेशानी नहीं थी। उनका मुंह देख लोग डर जाते थे। यह परेशानी उन्हे 5 साल से थी। डॉ. मंडल ने इस मामले में यह भी बताया कि जांच के दौरान उन्होंने देखा कि वह एक ट्यूमर है जो सही इलाज न मिलने की वजह से बहुत गंभीर हो गया था। इस ट्यूमर को कॉम्प्लेक्स ओडोन्टोम कहते है जिसे डॉक्टरों की टीम ने काटकर निकाला।IGIMS की HOD डॉ. प्रियंकर सिंह का कहना था कि नीतीश के दोनों जबड़े काफी फूले हुए थे। साथ ही वे वाराणसी, दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े बड़े शहरों में इलाज के लिए गए लेकिन उनका कोई इलाज नहीं हो पा रहा था।
कई डॉक्टर उन्हे चोट के कारण सुझान है कहकर दवाओं के साथ घर भेज देते। जिससे उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने बताया कि यह एक असाधारण ट्यूमर है। यह जबडे़ में कभी चोट लगने के वजह से जबडे़ एवं दांत के बनने की प्रक्रिया में विकृति आने की वजह किसी अनुवांशिक कारणों के कारण से भी हो सकता है। इस ऑपरेशन को सफल बनाने में डॉ. गणेश एवं डॉ. माधुरी की अहम भूमिका रही। साथ ही HOD डॉ. प्रियंकर सिंह ने डॉ. जावेद इकबाल के साथ मिलकर शुक्रवार को ऑपरेशन किया। उन्हे यह पता था कि इसमें दांत या फिर दांत बनने वाले पदार्थ हो सकता, लेकिन ऑपरेशन में दांतों का गुच्छा देख सब हैरान रह गए जब उन्होंने ट्यूमर के साथ कुल 82 दांत का गुच्छा देखा। इस बहुत बारीकी से निकाला गया।
डाॅ. जावेद इकबाल और डॉ. प्रियंकर सिंह का कहना है कि यह ऑपरेशन अपने आप में ही एक इतिहास है। संस्थान के निदेशक और विभागाध्यक्ष डॉ. एके शर्मा ने पूरी टीम को इस दुर्लब ऑपरेशन के सफल होने की बधाई दी। यह 82 दांत जबडे़ के बाहरी हिस्से में थे, यह गुच्छा सामान्य दांतो की तरह बढ़ता चला जा रहा था। ऑपरेशन में इस बात का खतरा भी था कि कहीं नीतीश का चेहरा खराब ना हो। अब ऑपरेशन से चेहरे को बिना कुछ नुकसान पहुंचाए ठीक कर दिया गया है। अभी उस ट्यूमर को जांच के लिए भेजा गया है, जिससे पता लग सके कि यह दांत कैसा है। रिपोर्ट आने पर ही पूरी जानकारी मिल पाएगी।