इतिहास गवाह है। जब भी सीमा में किसी दुश्मन के साथ घमासान हुआ है तो इस कड़ी में पहाड़ी नौजवानों ने अपनी वीरता का परिचय सीमा पर बड़ी बहादुरी से दिया है। उत्तराखंड से भारतीय सेना में हिस्सा बनने का जज़्बा पहाड़ी नौजवानों में दिखता है वो शायद ही किसी अन्य जगहों के नौजवानों में दिखता हो। आज कई उत्तराखंड के कई नौजवान सीमा पर ड्यूटी दे रहें हैं तो कई नए नौजवान सेना में भर्ती होकर सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी बीच बीते शनिवार को उत्तराखंड के 176 नौजवान कठिन परिश्रम के बाद सेना का हिस्सा बनने में सफल हुए।
पौड़ी गढ़वाल के लैंसडौन में जहां कि गढ़वाल राइफल्स का रेजिमेंटल सेन्टर है यहां 176 जवानों ने देश सेवा में योगदान देने की शपथ ली। परेड के समीक्षा अधिकारी कर्नल विनीत वाजपेयी ने सभी जवानों को देश सेवा में सर्वस्व बलिदान देने के लिये प्रोत्साहित भी किया। लैंसडौन के भवानी दत्त परेड ग्राउंड में कोर-95 के 176 जवानों ने कसम परेड में हिस्सा लिया।
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परेड के दौरान जवानों की चुस्ती दुरुस्ती उनके कदम से कदम मिला रहे पैर व भारत भूमि के लिये समुद्र को चीर देने वाली ताकत का जज़्बा देखते ही बन रहा था। एक बेहतर ड्रिल के साथ परेड के समीक्षा अधिकारी कर्नल विनीत वाजपेयी को जवानों द्वारा सलामी दी गयी। इतना ही नहीं कोर-95 के जवानों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राइफल मैन नवीन सिंह को स्वर्ण पदक से संम्मानित किया गया।इसके बाद प्रकाश बिष्ट को रजत पदक तथा नीरज पंत को कांस्य पदक से सम्मनित किया गया।
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