भारत के इतिहास में लड़ी गयी बहुत सारी अहम लड़ाइयों थी। जिसमें भारत के अलग अलग क्षेत्रों से तमाम वीरों ने अपने पराक्रम का लोहा मानवाते हुए अपनी भूमिका पेश की और पाकिस्तान की सेना के दांत खट्टे कर दिए। भारत की ओर से इसमें तमाम रेजीमेंटों के 524 जवान शहीद हो गए जबकि लगभग 1300 से भी ज्यादा जवान घायल हुए। लेकिन भारत की ओर से सबसे ज्यादा जवान जो इस युद्ध में लड़ते लड़ते शहीद हो गए वह थे गढ़वाल और कुमाऊं रेजिमेंट के लगभग 70 से भी ज्यादा जवान। लेकिन ये जवान अपनी जान की बाजी लगाकर शहीद तो हो गए साथ में इन्होंने दुश्मनों के भी छक्के छुड़ा दिए। वीर वीरांगनाओं की भूमि उत्तराखंड से कारगिल युद्ध में शहीद हुए 30 से ज्यादा जवानों को कारगिल दिवस के उपलक्ष् में उनकी वीरता के प्रदर्शन हेतु वीरता पुरुस्करों से सम्मानित किया गया।
बता दें कि इन वीर जवानों में से 37 ऐसे साहसी जवान थे जिनको उनके पराक्रम औऱ वीरता के चलते मरणोपरांत वीरता पुरुस्कारों से सम्मानित किया आखिर कौन थे यह शहीद सैनिक जिनकी सहादत का मूल्य हम किसी भी हालत में नहीं चुका सकते। आइये जानते हैं।इस तालिका में जिन शहीदों को सेना मेडल से नवाजा गया उनमें शामिल थे। लांसनायक देवेंद्र प्रसाद, नायक शिव सिंह, लांसनायक सुरमन नेगी, कैप्टन चन्द्र सिंह, कैप्टन ऐ हैनी माओ, लेफ्टिनेंट गौतम गुरुंग,नायक जगत सिंह तथा चंदन सिंह।यह भी पढ़े:उत्तराखंड ने खोए थे सबसे ज्यादा सैनिक, पढ़िए उनकी गौरवशाली गाथा…
वे वीर सपूत जिनको महावीर चक्र से नवाजा गया उनमें शामिल थे मेजर राजेश भंडारी,और विवेक गुप्ता।इतना ही नहीं इसके साथ ऑनरेरी कैप्टिन खुशिमन गुरुंग, नायक ब्रजमोहन सिंह, कैप्टन AK सिन्हा और राइफलमैन कुलदीप सिंह को वीर चक्र से नवाजा गया।
इसके अलावा आपको बता दें कि 1999 में जम्मूकश्मीर के कारगिल सेक्टर में भारत के लगभग 524 जवानों की शहादत हुई जबकि 1300 से ज्यादा भरतीय लड़ाके गंभीर रूप से घयल हो गए। जबकि पाक सेना के 4000 से भी ज्यादा जवान इस युद्ध में मारे गए।अंत में दैनिक सर्किल की टीम द्वारा इन वीर सपूतों को अपनी मातृभूमि औऱ हम देशवासियों की रक्षा करने के लिये धन्यवाद औऱ भावपूर्ण श्रद्धांजलि
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