आर्मी CSD कैंटीन में होगा बड़ा बदलाव, सेना ने जारी किया ऑर्डर, होंगे ये बदलाव, पड़िए..

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Army CSD canteen merger news

नई दिल्ली: भारतीय सेना की कई सीएसडी कैंटीन का एक दूसरे में विलय होगा। और आपको बता दें की, मैन पावर और जगह की बचत के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर के बेहतर इस्तेमाल के लिए तय किया गया है कि सेना की उन यूनिट की कैंटीन मर्ज होंगी जो एक दूसरे के नजदीक हैं और इसके साथ ही जो एक ही जगह रहती हैं। जानकारी के मुताबिक, आर्मी हेडक्वॉर्टर के क्वॉर्टरमास्टर जनरल ब्रांच ने CSD की उन Unit Run Canteen को मर्ज करने का ऑर्डर इश्यू किया जो एक ही स्टेशन में अलग-अलग मिलिट्री इस्टेबलिस्मेंट में चल रही हैं।और इसके लिए 24 मई को ऑर्डर जारी किया गया था जिसमे कहा गया है कि, सेना की स्टेटिक यूनिट यानी जिनका एक जगह से दूसरी जगह मूवमेंट नहीं होता, की एक यूआरसी को जिसमें सबसे ज्यादा बैनिफिशयरी हैं उसे मर्ज्ड यूआरसी नॉमिनेट किया जाएगा। वहीं, बाकी सभी यूआरसी सस्पेंडेड मोड में रहेंगी।

इसमें कहा गया है कि, इस ऑर्डर से सेना की उन यूनिट की यूआरसी प्रभावित नहीं होगी जिनका रोटेशन होता रहता है, उन्हें मर्जर से छूट मिलेगी। बताया जा रहा है की, यह ऑर्डर तीनों सर्विसेस आर्मा, नेवी और एयरफोर्स के लिए जारी किया गया है। साथ ही ऑर्डर में ये भी कहा गया है की, पूर्व सैनिकों के लिए जो कैंटीन हैं वह मर्ज नहीं होंगी क्योंकि इन कैंटीन पर ज्यादा निर्भरता रहती है।वहीं, कौन सी यूआरसी रहेगी और उसमें आसपास की सारी यूआरसी मर्ज होंगी यह बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स से तय होगा।ALSO READ THIS:CRPF जवान की गोली मारकर हत्या, आरोपी अभी भी फरार…

बोर्ड में सभी स्टेकहोल्डर्स, फॉर्मेशन कमांडर्स, लोकल मिलिट्री अथॉरिटी और स्टेशन कमांडर होते हैं, जो की यूआरसी तय की जाएगी वह ऐसी जगह पर स्थित होनी चाहिए, की सभी को आने जाने में सुविधा हो। वहीं, ऑर्डर में ये भी कहा गया है की जो यूआरसी सस्पेंडेड मोड में रहेंगी वह अपना नाम और यूआरसी कोड अपने पास रखेंगी। और उसके बाद वो उसी से ऑपरेट करेंगी इसलिए मर्ज होने के बाद भी सॉफ्टवेयर में बदलाव की जरूरत नहीं होगी। जानकारी मिली है की, सीएसडी डिपो इन सस्पेंडेड यूआरसी से आने वाली कोई डिमांड को आगे नहीं बढ़ाएगा। जो भी प्रोफिट होगा उसे संबंधित हेडक्वॉर्टर की निगरानी में सभी यूआरसी के साथ बांटा जाएगा।

आर्मी के एक अधिकारी के मुताबिक उन यूआरसी को मर्ज किया जाएगा जो स्टेटिक यूनिट में हैं और एक दूसरे से नजदीक हैं, और जिनमें पहले से ही कम सामान रहता है और जिसका काम टर्नओवर रहता है। कहना है कि, एक बार यूआरसी मर्ज हो जाएंगी तो सभी को ज्यादा सुविधा होगी क्योंकि तब इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा और कैंटीन किसी मॉल की तरह होंगी। जिस से लोग सभी जरूरत का सामान का लाभ उठा पाएंगे। वहीं, मर्ज करके मैनपावर की बचत तो होगी। वहीं, उन्होंने बताया कि स्टेशन कमांडर यह तय कर सकते हैं कि, उनके स्टेशन में कितनी कैंटीन की जरूरत है। और आपको बता दें की, अभी इस सबसे बड़े स्टोर यानी सीएसडी के लेह से लेकर अंडमान तक कुल 33 डिपो हैं। जिसमें करीब 2500 सीएसडी कैडर हैं। अभी करीब 3700 यूआरसी (यूआरसी) हैं। अब देखते हैं की कब तक कैंटीन मर्ज हो जाती है, ताकि उसका फायदा सभी आने जाने वाले लोग ले सके।

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