कौटिल्या का अर्थशास्त्र और भगवद गीता जल्द बनेगा मिलिट्री syllabus का हिस्सा, पढ़िए पूरी खबर…

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Bhagwata Gita and Kautilya economics may become a part of military syllabus

नई दिल्ली:- कॉलेज ऑफ डिफेन्स मैनेजमेंट (CDM) ने यह घोषणा की है कि कौटिल्य के अर्थशास्त्र और भगवत गीता प्राचीन भारतीय राजकीय ग्रंथ भी शामिल करने की सिफारिश की है। आखिर में उन्होंने यह भी कहा की इस राज्य में शोध किया जाएगा और बच्चो के लिए भारतीय संस्कृति मंच भी बनाया जाएगा। सिकंदराबाद में कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट का संस्थान है जहां पर सभी को सेना, नौसेना, और भारतीय वायु सेना के बड़े अधिकारियों को लड़ने और खुद की रक्षा करने के लिए भी तैयार किया जाता है।

इंटीग्रेटेड डिफेंस स्‍टाफ ने एक प्रोजेक्ट तैयार किया जिसका नाम है, प्राचीन भारतीय संस्कृति और युद्ध तकनीकों के गुण और वर्तमान समय में लोगो की सामरिक सोच और समावेश। इन परियोजना का उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों में रणनीतिक की सोच और नेतृत्व के संदर्भ में चुनिंदा प्राचीन भारतीय ग्रंथों की खोज करना है। इनका मकसद सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं और नये विचारों को अपनाना और रोडमैप बनाना है। जो आज कल के समय मे सभी के लिए उपयोग है। यह राज कौशल, सैन्य कूटनीति व अन्य क्षेत्रों में हो सकता है।

मार्च में गुजरात के केवड़िया में संयुक्त कमांडरों के तीन दिनों तक चले समेलन मे प्रधानमंत्री नरेंद्रे मोदी ने सैन्य उपकरणों की खरीद की बात कही और इसी दौरान सशस्त्र बलों में परंपराओं और संस्कृति के भारतीयकरण पर दो अलग-अलग कार्यक्रम भी किए गए। ट्रेनिंग के दौरान रक्षा राज्य में देसी उपकरण और हथियार तैयार किए जा रहे है तथा आजादी से पहले की बड़ी लड़ाइयों के बारे में सैनिकों को बताया जा रहा है। यहाँ तक की सैनिको को परीक्षा के समय में देश के बड़े योध्याओं की जानकारी भी दी जा रही है।

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