आपको बता दे की झारखंड के लातेहार ज़िले से एक दुखद ख़बर सामने आइ है। जहाँ सुरक्षा बलों की झारखंड जन मुक्ति परिषद के उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया साथ ही BSF के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार भी शहीद हो गए। आपको बता दें कि डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार झारखंड के जगुआर में तैनात थे। घायल अवस्था में डिप्टी कमांडेंट को लातेहार से राँची हेलीकॉप्टर में लाया गया है जहाँ उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इधर सर्च अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने छः हथियार बरामद किए हैं।
35 वर्षीय शहीद राजेश कुमार बिहार के मुंगेर ज़िले के रहने वाले थे। 7सितंबर 2018 में उन्होंने झारखंड जगुआर में अपना योगदान दिया था। आपको बता दें कि वह 12 नवंबर 2007 में BSF में शामिल हुए थे। नक्सलियों से लोहा लेने के लिए झारखंड जगुआर का गठन किया गया है। इसमें राज्य पुलिस और अधिकारियों की नियुक्ति होती है।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक़ जवानों को सूचना मिली थी किसदर थाना क्षेत्र के अंदर आने वाले नावागड़ पंचायत के जंगल में जेजेएमपी के उग्रवादी इकट्ठा हुए हैं और साथ ही वह है बड़ी घटना को अंजाम देने वाले हैं। इसी सूचना के आधार पर जब सुरक्षा बलों की एक टीम जंगलों में सर्च अभियान के लिए निकली तो उग्रवादियों ने उन पर गोली दाग़ना शुरू कर दिया। क़रीब दो घंटे तक दोनों ओर से गोलीबारी होती रही। सुरक्षा बलों की संख्या को ज़्यादा देखते हुए नक्सली वहाँ से भाग निकले। मारे गए उग्रवादी की पहचान की जा रही है। आपको बता दें कि सुरक्षा बलों की टीम का नेतृत्व BSF के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार कर रहे थे।उग्रवादियों द्वारा दाग़ी गई गोली सेवह गंभीर रूप से घायल हो गए जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए राँची लाया गया जहाँ उनकी मौत हो गई।
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