ड्रैगन लगातार विश्वस्तर से गलवान घाटी में मरे सैनिकों की संख्या बताने से कतरा रहे है। वह नहीं चाहता कि विश्व के किसी भी देश को यह बात पता न चले कि आखिर गलवान में उसके कितने जवान शहीद हुए। वह अपने जवानों को अपनाने तक को तैयार नहीं जिनकी वजह से वह सुरक्षित हैं तो इस अंदाज़े आप पता लगा सकते हैं इस प्रकार का मुल्क किस हद तक जा सकता है।चलो ये तो दूर की बात लेकिन चीन की सरकार शहीदों के परिवार जनों पर इस बात का दबाव डाल रहा है कि उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जाय। अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने दावा किया कि वह अपनी एक बड़ी भूल को छुपा सके।
बता दें कि 21 जून की रात को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें एक ओर भारत ने तुरंत स्वीकार किया कि उसके 20 जवान मारे गए जिनका सैन्य सम्मान सहित अंतिम संस्कार भी कर लिया गया। लेकिन दूसरी ओर चीन अभी भी इस विषय पर चुप्पी साधे हुए है।
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28 जून को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम के जरिये जवानों के प्रति संवेदना व्यक्त की उन्होंने यह भी बोला कि जवानों का बलिदान पूजा करने के योग्य है,सम्मानीय है वहीं अभी तक भी चीन की ओर से आपने जवानों को लेकर कोई खबर सामने नहीं आयी।अमेरिका की एक न्यूज रिपोर्ट ह मुताबिक जितने चीन के जवानों की सहादत हुई उनके परिवार वालों का चीन की सरकार के प्रति आक्रोश है वे लगातार चीन की सरकार के लिये अपना क्रोध सोशल साइड्स द्वारा व्यक्त किया।
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