जल्द ही भारत अस्त्र मिसाइल के दो एडवांस वैरिएंट को विकसित करेगा जिनमें से एक 300 किमी दूर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है तो दूसरी 160 किमी दूर तक।यह जानकारी वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों द्वारा नाम न छापने की शर्त पर हिन्दुस्तान टाइम्स को दी है।
इन मिसाइलों का परीक्षण अगले वर्ष या वर्ष 2024 में किया जा सकता है।यह प्रोजेक्ट विकास संगठन (डीआरडीओ) एवं रक्षा अनुसंधान के प्रमुख कार्यक्रमों में है।यह दो मिसाइल अस्त्र एमके-2 और एमके -3 है।
इस समय एमके-1 वैरिएंट मिसाइल मौजूद है जिसकी दूरी या रेंज 100 किमी है। हाल ही में IAF एवं भारतीय नौसेना को अस्त्र एमके -1 मिसाइलों एवं अन्य संबंधित उपकरणों से लैस करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा भारत डायनॉमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के साथ 2,971 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है।
सेंटर फॉर एयरपावर स्टडीज के रिटायर्ड महानिदेशक एयर मार्शल अनिल चोपड़ा द्वारा हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा गया यदि उन्हे वायु सेना की आवश्यकताओं को पूरा करना है तो उन्हें अस्त्र एमके -2 और एमके -3 जैसी मिसाइलों को विकसित करना ही होगा।
वहीं इस विषय में अधिकारियों द्वारा कहा गया है कि सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के साथ अस्त्र एमके-1 मिसाइल को पूरी तरह से जोड़ दिया है।अब यह अन्य लड़ाकू विमानों की क्षमताओं में इजाफा देगी। जहां अस्त्र एमके-1 मिसाइल से लैस होंगे,तो वहीं भारत के एकमात्र विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य से नौसेना के मिग-29 के लड़ाकू विमान संचालित होंगे।