असम के दक्षिण सलमारा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ के जवान गश्त दे रहे थे। ऐसे में वहां से उन्होंने 22 अगस्त रात करीब 8 बजे बाढ़ के दूसरी तरफ से कुछ लोगों के मदद मांगने की आवाज सुनी “बंधु बचाओ”। यह सुन जल्दी ही अलर्ट पार्टी ने टॉर्च की सहायता से देखा तो वहां तीन बांग्लादेशी जवान मौजूद थे जिन्हे बदमाशों ने घेर रखा था। भारतीय बीएसएफ के जवानों ने बाढ़ के आगे जाने का फैसला लिया और इन बदमाशों को ललकारा। जैसे ही बदमाशों ने देखा कि भारत के जवान उनके नजदीक आ रहे है तो अंधेरे का फायदा उठाते हुए वे बांग्लादेश के गांव सतकुरीबाड़ी की ओर भाग निकले। तत्काल मदद करने के लिए बांग्लादेशी जवानों ने बीएसएफ को धन्यवाद दिया। बीएसएफ के जवान सीमा पर रहकर घुसपैठियों की बढ़ती हुई गतिविधियों और राष्ट्रविरोधी तत्वों को नियंत्रण करने के लिए हमेशा तैयार रहती है। इसीलिए वह हमेशा सतर्क रहते है साथ ही इसी तरह के प्रयासों को रोकने का भी काम करते हैं।
इसी तरह का एक मामला दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत बीएसएफ की ओर से आ रहा है। जिन्होंने अपने दरियादिली होने का परिचय दिया। जानकारी के मुताबिक बीएसएफ की 99वीं वाहिनी के जवानों ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में कुल सात लोगों को गैर कानूनी तरीके से सीमा पार करने की कोशिश करने के लिए गिरफ्तार किया। इन सात लोगों ने दो भारतीय और पांच बांग्लादेशी थे, जिनमे एक पति पत्नी का भी जोड़ा था। 99वीं वाहिनी की सीमा चौकी जीतपुर, मधुपुर और रनघाट के जवानों ने खुफिया शाखा की सूचना के आधार पर इन सात लोगों को पकड़ा। इनमें से एक बंग्लादेशी नागरिक भारत आ रहा था और बाकी छह अवैध तरीके से सीमा पार कर बांग्लदेश जा रहे थे।
इन सब लोगों में बांग्लादेश के ढाका का निवासी सुल्तान बादशाह (38 वर्षीय) भी था, जिसने बताया कि वह अपनी पत्नी रशीदा बेगम (33 वर्षीय) के साथ अपने कैंसर के इलाज करवाने 31 मार्च 2021 को पासपोर्ट से भारत आया था। यहां के वेल्लोर से वह अपने केंसर का इलाज करवा रहा था लेकिन इसी दौरान उसके वीजा की अवधि खत्म हो गई। इसके बाद उन्होंने बांग्लादेश लौटने की सोची जिसके लिए उन्होंने दलाल की मदद ली। वे भारतीय दलाल रफीक मंडल, रहमत और तमीज मंडल की सहायता से वापस जा रहे थे। दोनो ने बांग्लादेश पहुंचाने के लिए दलाल को कुल 17,000 रुपए दिए। इसके बाद अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस मामले की जांच पड़ताल चल रही है। वहीं पांच लोगों को कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस थाना बागदा को सौंपा गया और पति-पत्नी को मानवता दिखाते हुए उन्हे बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंप दिया।
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