शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी नीतिका ढौंडियाल पीओपी के बाद शनिवार को सेना में अफसर के रूप में शामिल हो गई। पति के शहादत के तुरंत बाद उन्होंने देशसेवा करने का फैसला ले लिया था। दून में और भी कई अन्य जाबांज बेटियां है जो पति के शहीद होने के बाद सेना में भर्ती होकर देश सेवा कर रही है।
देहरादून निवासी प्रिया सोमवाल के पति नायक अमित शर्मा 20 जून 2012 को शहीद हो गए थे। सेना के ऑपरेशन आर्किड के दौरान अरुणाचल प्रदेश में वह शहीद हुए। पति की शहादत के बाद प्रिया ने सेना में भर्ती होने का फैसला लिया। ऑफिसर्स ट्रेनिंग ऐकेडमी (ओटीए) चेन्नई से प्रिया 15 मार्च 2014 को बतौर लेफ्टिनेंट पास आउट हुई।
2015 में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए चंद्रबनी निवासी राइफलमैन शिशिर मल्ल शहीद हो गए थे। 2013 में उनकी शादी संगीता से हुई जो एक टीचर थी। पति के शहादत के बाद उन्होंने टीचिंग जॉब सास की सेवा करने के लिए छोड़ दी। इस दौरान गर्भपात के रूप में उन्हें एक झटका और लगा। फिर 2016 में उत्तराखंड के रानीखेत में एक सेना समारोह में उनके शहीद पति शिखिर को शहादत के बाद सेना मेडल मिला। यही से उनके अंदर भी सेना में शामिल होने की इक्छा जागी। अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत संगीता आज सेना के शॉर्ट सर्विस कमीशन में लेफ्टिनेंट के रूप में कार्यरत है।
10 अप्रैल 2018 की रात कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में देहरादून निवासी नायक दीपक नैनवाल घायल हो गए थे। इलाज के दौरान बाद में वह शहीद हो गए थे। पति की शहादत के बाद पत्नी ज्योति ने भी देश की सेवा करने का विकल्प चुना। 28 जनवरी 2021 को ज्योति का भारतीय सेना के लिए चयन हुआ। उनके दो छोटे बच्चे भी है। ट्रेनिंग पूरी करने के लिए ज्योति ने दोनों बच्चों को नानी के पास छोड़ दिया। अब वह सेना की ट्रेनिंग के लिए चेन्नई रवाना हो गई है।