दुखद खबर: सियाचिन में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सूबेदार वीरेंद्र कुमार..

0
Meerut subedar virendra kumar martyred during duty in Siachen

मेरठ : यहां एक दुखद खबर सामने आई है जहां, जम्मू कश्मीर के सियाचिन में आउट पोस्ट पर ड्यूटी के दौरान मेरठ के सूबेदार वीरेंद्र कुमार शहीद हो गए। खबर सुनते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। बताया जा रहा है की,आज उनके पार्थिव शरीर शाम करीब 4:30 बजे मेरठ लाया जाएगा। वहीं सुबह 11:50 की फ्लाइट से कश्मीर से पार्थिव शरीर को लेकर सेना के जवान निकल चुके हैं। उसके बाद दिल्ली में सैन्य सलामी देने के बाद उनका पार्थिव शरीर मेरठ लाया जाएगा। उसके बाद यहां भी सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

बताया जा रहा है की, रोटा रोड पर सरस्वती विहार कॉलोनी फेस 2 के रहने वाले शहीद सूबेदार वीरेंद्र कुमार करीब 7 महीने से सियाचिन में ड्यूटी पर तैनात थे और अगले महीने ही वहां उनकी ड्यूटी पूरी होने वाली थी। वही इसके बाद वह छुट्टी लेकर घर आना था। जानकारी के मुताबिक, सूबेदार वीरेंद्र कुमार के छोटे भाई कुलदीप भी सेना में कार्यरत हैं और कुलदीप के अनुसार सूबेदार वीरेंद्र कुमार से उनकी पत्नी रीना शर्मा की आखरी बार 13 अप्रैल को बात हुई थी। और सब कुछ ठीक था।

वह आराम से ड्यूटी भी कर रहे थे, लेकिन 14 को ही वह शहीद हो गए। सैन्य और मेडिकल प्रक्रिया पूरी करने के बाद आज उनके पार्थिव शरीर को मेरठ लाया जा रहा है।वहीं अभी मौत के कारण का पता नही चला है। की पता ड्यूटी के दौरान ऑक्सीजन की कमी और या अन्य कारणों की दिक्कत से उनकी मौत हुई है। हम आपको बता दें की, सियाचिन में तैनात सभी सैनिकों की मृत्यु चाहे जिस प्रकार से भी हो, उनको शहीद का दर्जा ही दिया जाता है और बैटल कैजुअल्टी ही उनके सर्विस रिकॉर्ड में भी दर्ज होती है।

बताया जा रहा है की, सियाचिन से पहले सूबेदार वीरेंद्र कुमार चंडीगढ़ के भटिंडा में करीब 4 साल कार्यरत रहे। इससे पहले भी उन्होंने जम्मू, भूटान आदि जगहों पर देश को अपनी सेवाएं दी हैं। शहीद के पिता मंगल सिंह अभी जीवित हैं जबकि माता गुजर चुकी हैं। सूबेदार वीरेंद्र कुमार की बड़ी बेटी कशिश 14 साल की है और वो कक्षा 9वी में पढ़ रही है। वहीं दूसरी बेटी मुस्कान 11 साल की है और वो 7वीं में पढ़ रही है। उनका सबसे छोटा बेटा विवान 7 साल का है।

जानकारी मिली है की, सूबेदार वीरेंद्र कुमार वर्ष 1998 में सेना में भर्ती हुए थे। और उनकी भर्ती 143 मीडियम रेजिमेंट में हुई थी। सियाचिन में ड्यूटी के दौरान वह पंजाब रेजीमेंट के साथ कार्यरत रहे थे। सेना में भर्ती होने के बाद साल 2004 में उनकी शादी रीना से हुई थी। वहीं बताया जा रहा है की, उनके साले मोनू ने बताया की रीना की तबीयत खराब रहने के कारण उन्हें अभी तक सूबेदार वीरेंद्र कुमार से शहादत की सूचना नहीं दी गई है। शाहिद को हमरा शत-शत नमन।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here