पुणे-2017 से चल रही आरोपी की तलाश आखिर खत्म हुई। जी हां, महाराष्ट्र के बिबवेवाड़ी पुलिस ने सोमवार को ही आरोपी योगेश दत्तू गायकवाड़ को पकड़ लिया है। आरोपी योगेश (उम्र 26 वर्ष ) औरंगाबाद के कन्नड़ तालुका का निवासी है। आरोपी पर आरोप लगा है कि वह खुद को सेना का अधिकारी बताकर कई युवतियों को धोखा देकर शादी कर रहा था, और कई युवाओं को भी सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रहा था। आरोपी के साथ साथ पुलिस ने उसके एक मित्र एवं साथी अहमदनगर में रहने वाले संजय शिंदे (उम्र 37) को भी गिरफ्तार किया। वह योगेश का बाउंसर बनकर उसके साथ जुर्मों में शामिल था।
बिबवेवाड़ी की एक महिला (उम्र 22 वर्ष) ने 21 जून को आरोपी योगेश के खिलाफ शिकायत दर्ज की। पुलिस का कहना है कि योगेश ने धोखा देकर कई महिलाओं एवं उनके रिश्तेदारों को ठगा है। इसके अलावा छानबीन के दौरान उन्हे योगेश के घर से सेना की कुल 12 वर्दी और कुछ आपत्तिजनक सामान भी मिला है। पुलिस को शुरुआती छानबीन के दौरान पता चला कि वह एक समय में 53 महिलाओं को डेट कर रहा था। वही वरिष्ठ निरीक्षक सुनील जावरे का कहना है कि आरोपी की चार शादी हो रखी थी, उन चारों महिलाओं में एक अमरावती, दो पुणे की और एक औरंगाबाद की निवासी हैं। दो की शादी मंदिरों ने और दो शादी आलंदी की धर्मशालाओं में हुई है। साथ ही कोई भी शादी पंजीकृत नहीं है।
इन सब के अलावा पुलिस और एसपी के द्वारा बताया गया कि वह खुद को कर्नल या मेजर राम बताता था। इसके साथ ही वह यह भी दावा करता था कि उसकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में है। जब भी वह महिलाओं से मिलता था तो सेना की वर्दी में ही मिलता था। उसके पास से 26 नए जूते, दो चार पहिया वाहन, 12 सेना की वर्दी, सेल फोन, दो मोटरसाइकिल, एक ट्रंक, रबर स्टैंप और भी कीमती सामान पाया गया इसके साथ साथ 5.5 लाख रुपये भी पाए गए।
आरोपी की तलाश 2017 से की जा रही थी। केवल महाराष्ट्र के बिबवेवाड़ी थाने में ही नहीं बल्कि अहमदनगर के तोपखाना पुलिस स्टेशन में भी उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज था। आरोपी के माता पिता किसान है। पुलिस ने जब उनसे संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उनका बेटा काफी समय से उनसे मिलने नहीं आया था। वह एक या दो महीने में अपने किराए के घर बदलता रहता था। लेकिन नागपुर से धुले के बीच पुणे से औरंगाबाद, मुंबई से गोंदिया उसका आना जाना लगा रहता है। यह पता चलते ही पुलिस ने उसे औरंगाबाद से पकड़ लिया।
आरोपी ने अलग अलग वैवाहिक वेबसाइटों पर अपनी सेना अधिकारी के रूप में नकली प्रोफाइल बनाता था। और खुद को सोशल मीडिया साइटों पर भी सेना अधिकारी के रूप में बताता था। इसके अलावा उसने इंटरनेट साइटों से तस्वीरो को डाउनलोड कर भारतीय सेना के लेटरहेड और रबर स्टैंप बनाए।और उन्हे रुपए लेकर युवाओं को बांट दिए। आरोपी योगेश कर गिरफ्तारी की खबर जैसे ही वायरल हुई, अगले दिन मंगलवार को करीब 10 महिलाएं थाने में पहुंच गई। महिलाओं को फंसाने के लिए वह प्रफेशनल फोटोग्राफर से अपनी फोटोज खिचवाता और सोशल मीडिया में उन्हे अपलोड करता। पुलिस ने जानकारी दी कि उसकी लाइफ स्टाइल बहुत लेविश है।
वह महिलाओं के सामने दिखावे के लिए अपने साथ बॉडीगार्ड रखता था, मंहगी कारों का इस्तेमाल करता था। बॉडी गार्ड्स को वह हर रोज 500 से 2000 रुपये तक का भुगतान करता। जिन महिलाओं ने केस दर्ज करवाया उन महिलाओं में से एक ने कहा कि उसने महिला से बातचीत की शुरुआत की और उसका विवरण लिया। इसके बाद कुछ दिनों बाद, योगेश ने उसे सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। दोनो में बात चीत शुरू हो गई। कुछ समय बाद योगेश ने महिला को शादी के लिए प्रपोज कर लिया। इसके बाद उन्होंने अलंदी में शादी की। लेकिन महिला का कहना है कि वह उसे कभी अपने घर नहीं लेकर गया।
इसके अलावा दूसरी महिला ने बताया कि बिबवेवाड़ी के ही एक अस्पताल में महिला की माता का इलाज चल रहा था, जिसके लिए उन्हें समय समय पर अस्पताल जाना पड़ता था। एक दिन वह और उनकी मां बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रहे थे, अचानक सेना की वर्दी पहने हुए योगेश उनके बगल में जाकर खड़ा हो गया। कुछ समय बाद महिला ने उसका आईडी कार्ड सड़क पर गिरा हुआ पाया तो उसने उसे उठाकर आरोपी को सौंप दिया। साथ ही योगेश ने कई महिलाओं के रिश्तेदारों को सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे 2 लाख रुपये की मांग की। केवल रिश्तेदारों से ही नही बल्कि उनके कई दोस्तों से भी कई रुपए हड़पे।