बिन्दुखत्ता निवासी अशोक चक्र विजेता शहीद मोहन नाथ गोस्वामी की आज पुण्यतिथि पर राज्य के लोगो ने उनकी याद मे फूल अर्पित कर उन्हे याद किया। बिन्दुखत्ता के इस महावीर को याद करते हुए समाजसेवियों ने कहा कि यह भूमि वीरो की भूमि है। इस धरती के महाप्रतापी शहीद नाथ गोस्वामी ने अपने प्राणो को गवाकर पूरे देश मे प्रसिद्व हुए है। और जिस बहादुरी के साथ वह दुश्मनों का सामना किया है उनको हमेशा याद किया जाएगा।उन्होंने यह भी बताया कि गोस्वामी अशोक चक्र से नवाज़े गए। गोस्वामी उस टीम का हिस्सा थे जिन्होने अपने दो साथियो की जान बचाकर 10 अंतकियों को ठिकाने लगाया व शहीद हो गए।
10 आंतकियों को ख़तम करने वाले वीर को नमन
लालकुआं:- जम्मू कश्मीर मे सुरक्षाबल अंतकवादियों से लगातर भीड़ रहे है। अब तक 100 से अधिक अंतकवादियों को मार दिया है वही जब बात आती है देश को जानबाज़ की तो कमांडो लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी(शहीद) का नाम सबकी जुबान पर आ जाता है। 2002 मे लांस नायक मोहन गोस्वामी की सेना मे शामिल हुए। अपनी इसी वीरता व साहस के चलते उन्होंने यूनिट के सबसे जांबाज सैनिक मे प्रसिद्व हुए। उन्होंने अपनी यूनिट के बड़े बड़े कार्यक्रम मे हिस्सा लिए और कश्मीर में आंतक विरोधी मे जीत हासिल की।
साल 2015 मे आंतकियों के खिलाफ अलग अलाग ऑपरेशन हुए जिसमे मोहन नाथ ने 11दिन मे अंतकवादियों को मार गिराया। वही आंतकियों के खिलाफ ऑेपरेशन करते समय देश को बचाने के लिए उन्होंने अपने प्राण गवा दिए।हंदवाड़ा में साल 2015 के अगस्त महीने के आखिरी सप्ताह लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी की आतंकियों के साथ पहला हमला हुआ। जहां उन्होंने पाकिस्तान मूल के लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को मार गिराया। इसी दौरान तीन दिन बाद राफियाबाद मे हमला हुआ और उन्होंने तीन आंतककियों का खात्मा कर दिया। यहाँ तक की इस ऑपरेशन मे गोस्वामी ने पाकिस्तान के मुजफ्फरगढ़ के रहने वाले सबसे खतरनाक आतंकी सज्जाद अहमद उर्फ अबु उबेदउल्लाह को पकड़कर कामयाबी हासिल की।
राफियाबाद हमले के बाद कुपवाड़ा के जंगलों में आंतक विरोधी कार्यक्रम चलते उन्होंने चार दहशतगर्दो को मार गिराया और वही उनकी गोली का भी शिकार हो गए। मरणोपरांत शहीद मोहन नाथ गोस्वामी की वीरांगना को राष्ट्रपति द्वारा शांति काल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। वादे से मुकरी सरकार नही कर पाई , शहीद भी पुरा नाम
अशोक चक्र से सम्मानित शहीद मोहन नाथ गोस्वामी को आज 6 साल पूरे हो गए लेकिन आज भी राज्य सरकार उनकी याद मे एक स्टेडियम नही बना पाई जो उन्होंने उनके परिजनों और गांव के निवासियों से वादा किया था। परिजनों और देशवासियो ने स्टेडियम को गांव आंदोलन भी किया परन्तु उत्तराखंड सरकार लोक प्रतिनिधि ने कुछ नही किया। ALSO READ THIS:लड़की ने जड़ दिए 3 थप्पड़ तो लड़के ने भी जड़ा जोरदार चांटा, कहा लखनऊ वाला सीन मत समझना, देखिए वीडियो…