आपको बता दें कि बिहार राज्य के रोहतास ज़िले के बिक्रमगंज मैघरा गाँव की निवासी धर्मेंद्र सिंग भारतीय सेना में तैनात थे। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में गाड़ी के खाई में गिरने की वजह से उनकी मौत हो गई। गुरुवार सुबह शहीद धर्मेन्द्र सिंह का शव उनके गाँव पहुंचाया गया। जहाँ उनके छह साल के बेटे ने नम आँखों से उन्हें मुखाग्नि देते हुए कहा कि हमारे पिता देश के लिए शहीद हुए हैं लेकिन हमें अकेला छोड़ गए।
विक्रम गांधी के मैंधरा गाँव निवासी धर्मेंद्र सिंह ईएमई कोर मैं बटालियन में थे।वर्तमान में वह जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात थे। क़रीब डेढ़ महीने पहले ही वह छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटे थे। घर में उनकी पत्नी,एक बहन और 2 बेटे हैं। 27 सितम्बर को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में पेट्रोलिंग वाहन क़रीब 120 मीटर गहरी खाई में जा गिरा।जिसमें धर्मेन्द्र सिंह की मौत हो गई। क़रीब तीन दिन इंतज़ार करने के बाद परिवार वालों को धर्मेन्द्र का शव पहुंचाया गया।
30 सितंबर को शाही धर्मेन्द्र सिंह का शव उनके गाँव पहुंचाया गया। इस दौरान लाखों की तादाद में लोग जवान की एक झलक पाने के लिए एकत्रित हो गए। पूरा शहर धर्मेन्द्र सिंह अमर रहे और भारत माता की जय के नारों से गूंज रहा था।
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