आज हम आपको ऐसे इंसान के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने अपने सपने को पूरा ना कर पाने पर भी हर नहीं मानी और उसे अलग तरह से पूरा करने की ठानी। मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले की किरनापुर तहसील के सेवती गांव के युवा वैभव मेंढे का इंडियन आर्मी में भर्ती होने बचपन का सपना था।वैभव मेंढे पेशे से किसान विठ्ठल राव मेंढे के बेटे हैं।उन्होंने 2007-08 में आमगांव महाराष्ट्र में प्रशिक्षण लिया। दसवीं तक पढ़ाई की है। वैभव का 2016 में असम में इंडियन आर्मी में रायफल फोर्स में चयन हो गया था। परंतु ट्रक एक्सीडेंट में एक पैर फ्रेक्चर होने से मेडिकल जांच में वे फेल हो गए।उसके बाद ही से ही उन्होंने तय कर लिया कि खुद आर्मी में जवान तो नहीं बन सके लेकिन वे अपने गांवों के युवाओं को प्रशिक्षण देकर आर्मी में जवान बनाएंगे। वे अपने गांव के युवाओं को प्रशिक्षण देकर अपना सपना पूरा कर रहे हैं।
वर्ष 2018 से उन्होंने निश्शुल्क प्रशिक्षण शुरू किया।पिछले तीन साल में छह युवा आर्मी में चयनित होकर देशसेवा कर रहे हैं। वर्ष 2019 में 30 युवक और वर्तमान में वे 15 युवक व 6 युवतियों को रोजाना सुबह 5 बजे से साढ़े 6.30 और शाम को साढ़े 4 बजे से 6 बजे तक किरनापुर, बेलगांव, बिनोरा, परसाटोला, मुरकुडा सहित अन्य गांव के युवाओं को प्रशिक्षण देते हैं।यह भी पड़े: Garhwal Rifles: देश सेवा की कसम खाकर भारतीय सेना में शामिल हुए 176 जवान
वैभव का कहना है कि मेरा सपना तो आर्मी में जाने का पूरा नहीं हुआ लेकिन मैं इन युवाओं को आर्मी में जाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण देकर अपना सपना पूरा कर रहा हूं। युवाओं को इंडियन आर्मी बनने के मुफ्त में प्रशिक्षण देने वाले युवा वैभव मेढे का कार्य सराहनीय है। ऐसे युवा बहुत कम होते है जो दूसरों के बारे में सोचते है और देशभक्ति का जज्बा रखते हैं। ऐसे युवाओं की देश को बहुत जररूत है।उनका यह कार्य दूसरे कई लोगो को प्रेरणा देता है जो लोग आसानी से हार में लेते है।