कोरोना वायरस के चलते काफी दिनों से कोर्ट के दरवाजे बंद हैं। जिसके चलते वकीलों को आर्थिक कठिनाइयों से जूझना पढ़ रहा है। कोर्ट के दरवाज़े बंद होने की वज़ह से अधिकांश वकीलों पर संकट छाया हुआ है। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के चेयरमैन केसी मित्तल ने पीएम नरेंद्र मोदी से पत्र के जरिए मदद की गुहार लगाई हैं। पत्र के जरिये उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 500 करोड़ रुपये की मदद की मांग की हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली और एनसीआर में क़रीब एक लाख से अधिक वकील रहते हैं। कोरोना जैसी वैष्विक महामारी के बढ़ते उनकी आर्थिक परिस्थिति खराब होती जा रही है। वकील अपनी ज़रूरी सेवाओं को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथॉरिटी (NDMA) ने कोरोना महामारी को आपदा घोषित किया था। जिसके तहत कोर्ट के दरवाजों को बंद करना पढ़ा। इसी वजह से वकीलों की आमदनी पर भी रोक लग गयी हैं। यह भी पढ़े: उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में एक ट्रक बेकाबू होकर खाई में जा गिरा, एक आदमी की मौके पर ही मौत
फिलहाल परिस्थितियां कब तक सुधरेगी इसका कोई अनुमान नहीं है। लेकिन इस बीच वकीलों को लगातार आर्थिक समस्याओं का सामान करना पढ़ रहा है। पिछले चार महीनों से कोर्ट के दरवाजे बंद हैं। वकील लोग चार महीनों से बिना किसी काम के घरों में बैठें हुए हैं। उनकी परिस्थितियों को देख बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने 8 करोड़ की मदद की हैं परंतु वह काफी नही हैं। वकीलों को ऐसी स्थिति से बाहर निकालने की गुहार केसी मित्तल ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है।
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