दिल्ली की एक अदालत ने जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए टिप्पणी की है कि “जांच केवल एक छोर की ओर जाती दिखाई दे रही है”।
इक़बाल तन्हा (24) को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने 20 मई को गैरकानूनी गतिविधि प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) की धारा 13 के तहत फरवरी में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। इक़बाल को ऐसे इलाकों में भाषण देकर भीड़ को भड़काने का आरोप लगाया था जहां एन्टी सीएए विरोध प्रदर्शन (Anti CAC protest) हो रहे थे। उन्हें 27 मई को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने अपने आदेश में लिखा, “इंस्पेक्टर लोकेश द्वारा यह सूचित किया गया है कि दिल्ली में सांप्रदायिक दंगा हुआ था और आरोपी इक़बाल सक्रिय रूप से इसमें शामिल था। मेरा ध्यान एक गवाह के बयान पर आकर्षित हुआ है जिसने आरोपी पर विशिष्ट रूप से आरोप लगाये हैं। सभी सबूतों को मध्यनजर रखते हुए आरोपी इक़बाल को 25/06/2020 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा।”
जज ने आर्डर दिया कि “जांच केवल एक छोर की ओर झुटकी दिखाई दे रही है। इंस्पेक्टर लोकेश और अनिल से पूछताछ करने पर, वे यह बताने में विफल रहे कि प्रतिद्वंद्वी गुट के शामिल होने के संबंध में अब तक क्या जांच की गई है। उसी के मध्यनजर रखते हुए, डीसीपी को जांच की निगरानी करने और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की जरूरत है।