सोनी सब के लोकप्रिय कॉमेडी सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा के एक लेखक अभिषेक मकवाना ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। अभिषेक ने अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार आर्थिक तंगी को बताया है। लेकिन इसी मामले में एक नई बात खुलकर सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि अभिषेक लोन देने वाली कुछ फ्रॉड कंपनियों के जाल में फंस गए थे। स्वर्गवासी अभिषेक के परिवार वालों का दावा है कि उनके साथ साइबर फ्रॉड और ब्लैकमेलिंग हुई थी। दिवंगत के पास कंपनियों से पैसे वापिस देने के लिए कॉल आया करती थी और उन पर दवाब भी डाला गया था। अब मुंबई मिरर कि एक रिपोर्ट के अनुसार अभिषेक मकवाना की मृत्यु के बाद से ही लगातार उनके दोस्तों और करीबियों पर फ़र्जी कंपनियों से कॉल आ रही हैं।आगे पढ़िए.. इसको भी पड़े: भर्ती होने वाले युवाओं में लिए खुशखबरी, CISF में निकली है बंपर भर्ती… जल्दी करें आवेदन
जिन कॉल्स के द्वारा घर वालों पर पैसे लौटाने का दवाब बनाया जा रहा है, कहा जा रहा है कि अभिषेक मकवाना ने अपनी मृत्यु से पहले लोन लिए जो अब घरवालों को चुकाने होंगे। मुंबई पुलिस की पूछताछ में दिवंगत के भाई जेनिस ने बताया कि अभिषेक कुछ आर्थिक रूप से जालसाजी के मामले में फंसे हुए थे। जेनिस का कहना है कि उन्होंने अभिषेक के ई – मेल भी देखे हैं जिनमें किसी एक ऐप के जरिए लोन की जानकारी मिली है।आगे पढ़िए..
यह घटना पिछले शुक्रवार यानी 27 नवंबर की है जब उनके घर कांदिवली में पुलिस ने अभिषेक का शव लटका हुआ पाया। उसी वक्त पुलिस के हाथ एक सुसाइड नोट भी लगा जो गुजराती भाषा में लिखा मिला। जेनिस का कहना है कि जब उन्होंने फोन करने वालों को अभिषेक की मृत्यु की खबर दी तो लोगों ने बड़ी अभद्र भाषा में उनसे बात की। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक जेनिस को ये कॉल्स बांग्लादेश, म्यांमार, और भारत के ही अलग – अलग राज्यों से आ रही थी। यह जानकारी खुद पुलिस ने साझा की है। हालांकि अभी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची लेकिन जानकारी चालू है।