प्रवासी श्रमिकों को घर तक पहुंचने में मदद करने के लिए 20-22 घंटे काम कर रहे बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद लॉकडाउन के इस कठिन समय में गरीब प्रवासियों के मसीहा बनकर उभरे हैं। कभी सोनू प्रवासियों के रहने के लिए अपने जुहू होटल को प्रदान कर रहे हैं तो कहीं प्रवासियों को सुरक्षित घर पहुंचने में मदद करने के लिए बसों की व्यवस्था कर रहे हैं। उन्होने केरल की 177 लड़कियों को घर पहुंचाने के लिए उनकी हवाई टिकट का भी इंतज़ाम किया।
उन्हें देश भर से प्यार और प्रशंसा मिल रही है और जरूरतमंद लोग बिना किसी संकोच उनके पास मदद के लिए पहुंच रहे हैं। अभिनेता ने हाल ही में महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और बाकी सभी की तरह, उन्होंने भी उनके काम के लिए उनकी सराहना की।
अभिनेता सोनू सूद सोशल मीडिया के जरिये उन लोगों के साथ बातचीत कर रहे हैं जिन्हें मदद और समर्थन की आवश्यकता है। यही नहीं जिनके पास इंटरनेट की पहुंच नहीं है उनके लिए अभिनेता ने एक टोल-फ्री नंबर की व्यवस्था की है जिसके द्वारा लोग उनके और उनकी टीम तक पहुंच सकते हैं। बातचीत में सोनू ने कहा है कि तब तक मदद करेंगे जब तक हर प्रवासी अपने घर नहीं पहुंच जाता।
30 मई की शाम को, महाराष्ट्र गवर्नर ने अपने कार्यालय से ट्विटर पर अपनी और सोनू की एक साथ तस्वीरें साझा कीं। तस्वीरों के साथ उन्होंने ट्वीट पर लिखा, “फिल्म स्टार @SonuSood को आज राजभवन में बुलावा गया। श्री सूद ने अपने चल रहे काम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि प्रवासी लोगों को उनके अपने अपने राज्यों में पहुंचने और उन्हें भोजन प्रदान करने में मदद की जा रही है। मैं उनके महान काम की सराहना करता हूँ। मैं उनके द्वारा किये गए इन सभी प्रयासों का अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन देता हूँ। ”
Film star @SonuSood called on at Raj Bhavan, Mumbai today. Shri Sood briefed about his ongoing work to help the migrant people to reach their home states and to provide them food. Applauded his great work and assured him of his fullest support in these endeavours. pic.twitter.com/oUMfIQGTeX
— Bhagat Singh Koshyari (@BSKoshyari) May 30, 2020
एक ट्विटर यूजर ने अभिनेता से उनकी ऊर्जा के स्रोत के बारे में पूछते हुए लिखा, “सर @ सोनू सूद मैं केवल एक प्रश्न पूछना चाहता हूं। आपकी ऊर्जा के स्रोत क्या हैं?” इस पर, सोनू ने दिल खोलकर जवाब दिया और लिखा, “मेरी ऊर्जा का स्रोत एक प्रवासी की ऊर्जा के स्रोत से बहुत कम है, जो अपने प्रियजनों के साथ सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने का फैसला करता है। मुझे आशा है कि उत्तर आपको मिल गया है।”
My source of energy is much less than the source of energy of a migrant who decides to walk hundreds of kilometers with his loved ones. I hope u got the answer. ❤️ https://t.co/XRJOUK8wDb
— sonu sood (@SonuSood) May 30, 2020