अमेरिका के सैन्य तेनाती के फैसले से डरा चीन ,करने लगा भारत कि खूब तारीफ

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दोस्तों भारत जैसा शान्तिप्रिय देश जो अपने पास सीमित संसाधन होने के बावजूद भी दूसरे देशों की मदद करता आ रहा है और ततपर रहता है लेकिन भारत को एक कमज़ोर राष्ट्र मानकर चीन अन्य देशों की भांति भारत को भी आंख दिखता रहता है। औऱ भारत को दबाने की पूरी कोशिश करता है चाहे वो भारत के छोटे छोटे उद्योगों को बंद करवाकर अपना पूरा बाजार स्थापित करके हो या फिर गलवान घाटी जैसे सीमा विवादों को लेकर हो।
दोस्तों एक समय हुआ करता था जब भारत और चीन की अर्थव्यवस्था एक बराबर हुआ करती थी। लेकिन चीन ने उस समय स काफी मेहनत करके दुनिया में अर्थव्यवस्था के आधार पर खुद को दूसरे नम्बर में कायम कर लिया है।ये तो ठीक है लेकिन चीन अपनी विस्तारवादी नीति से आय दिन छोटे छोटे देशों को धमकाता रहता है।पहले वह उन देशों को पैसे का लालच देकर उनको खूब सारे कर्ज में डुबो देता है और फिर बाद में उन देशों के कर्ज न भर पाने के कारण या तो उनपर कब्जा कर लेता है या फिर उनकी कुछ जमीन को अपने देश में विलय कर लेता है।और उन जगहों पर जितने भी उपयोगी संसाधन चीन के लिए होते हैं वह उनको अपने देश में इम्पोर्ट करके उन संसाधनों से बनी चीजों को दुनिया भर में बेचकर काफी मुनाफा कमाता है।

बीते कुछ दिनों में लद्धाख में गलवान घाटी में भारत चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प से भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल कायम है। केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो चीन के कट्टर विरोधी हैं। ओर चीन से काफी परेशान भी हैं।
वर्तमान में भारत चीन के बीच में तनातनी के दौरान अमेरिका भी भारत के साथ खड़ा होकर चीन को घेरना चाहता है।क्योकि चीन ने अमेरिका के नाक मे भी दम करके रखा हुआ है और चीन अमेरिका को पीछे छोड़ता हुआ दुनिया पर राज करना चाहता है

दोस्तों इस दौरान जब भी चीन भारत को एक कमज़ोर राष्ट्र मानकर ओर भारत की ज़मीन पर अनावश्यक कब्जा करने के लिए सीमा पर अफ़साद उत्पन्न करता है ।और कुछ न कुछ नापाक हरकतें करता रहता है तो इसी के चलते भारत के लोग यह ढूंढने की कोशिश करते हैं कि ज़रूरत पड़ने पर भारत की मदद करेगा या नहीं।क्योकी चीन सभी राष्ट्रों पर अपना दबदबा कायम करना चाहता है परंतु चीन का विरोधी भारत चीन की विस्तार वादी नीति को रोकने के लिए दक्षिणी एशिया में डटकर खड़ा है ।

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बीते कुछ घण्टों में जैसे ही अमेरिका के विदेश मंत्री ने भारत-चीन के मध्य सीमा तनाव को लेकर चीन को निस्त नाबूत करने के लिये अपनी फौज को हिन्द महासागर में तैनात करने का बयान दिया इसकी वजह से चीन बड़ा सहमा ओर कायरों की भांति डरा हुआ है। चीन की हालत खराब हो चुकी है। चीन केवल इसलिए भी डर गया कि अगर अमेरिका और भारत मिल जुलकर चीन की घेराबंदी करते हैं तो चीन को बड़ा नुकसान हो सकता है।अपने डर को छुपाने के लिए अब चीन का ग्लोबल टाइम्स भारत की तारीफ करने में शुरू हो गया । ग्लोबल टाइम्स के द्वारा चीन कह रहा है कि भारत कूटनीतिक स्वतंत्रता स्वीकार करने वाला राष्ट्र है। हमें नहीं लगता कि भारत को अमेरिका के साथ जाना चाहिए।

अमेरिका से कुछ क्षण पहले ही ताज़ी खबर आई है । इस खबर के बाद चीन को अंदर से लगी आग को भांति यह डर खल रहा है कि कहीं भारत और अमेरिका मिलकर चीन को पराजित न करदें जिसके बाद चीन को इससे उबरना आसान नहीं होगाग्लोबल टाइम्स अब इतिहास को मोहरा बनाते हुए मीठी मीठी बातों से यह बता रहा है कि एक वक्त था जब भारत खतरे को सामने देखते हुए अन्य देशों से मदद मांगने की बजाय स्वयं मश्ले को सुलझा लेता था वह यहां तक बोलने में नहीं चूंका की “यह एक शर्म की बात होगी कि मात्र एक छोटे से सीमा विवाद के लिए भारत जैसे राष्ट्र को किसी एक गुट में शामिल होना पड़े”आप खुद अंदाज़ा लगा सकते हैं कि चीन सीधा सीधा बोलना क्या चाहते हैं देख रहे हो न चीन की नापाक चाल।

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चीन बस अब इसी बात पर काम कर रहा है कि किसी भी हालत में भारत और अमेरिका को एक साथ न होने दिया जाय क्योंकि अब वह इस बात से भली भांति वाकिफ है कि अगर किसी तरह भी भारत औऱ अमेरिका एक हो गए तो उसको घेरने के लिए ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं होगी ।

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