नेपाल में खतरे में है अब प्रधानमंत्री केपी ओली कि कुर्सी, बड़े बड़े नेताओं ने मांगा इस्तीफा, कहा सरकार चलाने में रहे नाकाम

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Nepal communist party demanded resignation of prime minister kp Sharma oli

नेपाल की कमिनयुनिस्ट पार्टी के दूसरे अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के साथ साथ नेपाल के बड़े/वरिष्ठ नेताओं द्वारा नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली से स्तीफा मांग लिया गया है।इन्होंने ओली से प्रधान मंत्री पद के साथ साथ पार्टी के अध्यक्ष का पद छोड़ने के लिए भी दबाव डाला है।बता दें कि ओली न केवल चीन के इशारे पर चलकर नेपाल की हर कदम पर मदद करने वाले भारत से दोस्ती खत्म करने पर तुले हैं साथ ही इन्होंने नेपाल के नक्से में भारत के कुछ हिस्सों को भी दर्शाकर जोड़ लिया है। इसी के चलते उनका प्रधानमंत्री पद से निरस्त किया जाना लगभग तय बताया जा रहा है।

बता दें कि ओली की सरकार न केवल विवादों पर टीका टिप्पणी झेल रही है वहीं साथ साथ यह भ्रष्टाचार, कुशाशन और कोरोना वायरस के ऊपर सही ऐक्शन न ले पाने को लेकर नेपाल की जनता और विपक्ष के साथ कई बड़े नेताओं का टारगेट बन गयी है। भारत के साथ विस्वाश घात करने बाद नेपाल की ओली की सरकार ने न केवल एक अच्छे राष्ट्र से दोस्ती खत्म कर ली है। वल्कि अब मौजूदा हालात को देख के जताया जा रहा है कि वे शायद ही अपना प्रधानमंत्री पद बचा पायें औऱ हो भी क्यों न नेपाल का विपक्ष ओर जनता नेपाल को तिब्बत नहीं बन देना चाहती।

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नेपाल के प्रधान मंत्री के पी शर्मा ओली ने नाच न जाने आंगन टेढ़ा के कथन को साबित करके यह बात कही है कि नेपाल राष्ट्र का नया नक्शा जारी करने के बाद नेपाल की राजधानी काठमांडू ओर भारत की राजधानी दिल्ली दोनों ही जगह उनके खिलाफ सडयंत्र रचा जा रहा है। मंगलवार को हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में प्रचंड ने ओली से कहा कि भारत की बजह से नहीं बल्कि नेपाल के भविष्य को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पद से उनका इस्तिपा माँगा जा रहा है। स्टैंडिंग कमेंटी के सदस्य होने के कारण ओली द्वारा सवाल पूछा गया कि क्या उनके खिलाफ इस पद के लिए साजिश रची जा रही है।

क्या बोले थे ओली:-
ओली ने कहा कि संसद में देश का नया नक्शा पास कराने के बाद कहा कि मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है । बता दें कि यह कथन उन्होंने रविवार को हुए एक कार्यक्रम में कहा था। काठमांडू के अलग अलग होटलों मैं चल रही बैठकों दिल्ली से मीडिया रिपोर्ट्स, औऱ दूतावास में लगातार चल रही हलचलों से यह समझना मुश्किल ही नहीं है कि किस तरह लोग मुझे पद से निरस्त करने में जुटे हैं लेकिन वह इस कार्य में सफल नहीं हो पाएंगे।

 

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