हम आपको बता दें की, आठ दिन के लिए शुरू हो रहे होलाष्टक में सभी शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। आप सभी 28 मार्च को होलिका दहन के बाद 29 मार्च से फिर से शुभ कार्य कर सकते हैं।
होलाष्टक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तिथि तक होलाष्टक माना जाता है। होलाष्टक होली दहन से पहले के आठ दिनों को कहते हैं जिसमे, हम आपको बता दें की इस बार 21 से 28 मार्च तक होलाष्टक रहेगा।
महान ज्योतिषाचार्य पंडित रजनीश शास्त्री ने बताया कि होली आने की पूर्व सूचना होलाष्टक के इसी दिन से होली उत्सव के साथ होलिका दहन की तैयारियां भी शुरू हो जाती है, जिसमे होली से आठ दिन पहले को होलाष्टक कहते हैं।
इस बीच अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, 10वीं को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव में रहते हैं। इस बीच मनुष्य की क्षमता कम हो जाती हैं। और साथ ही होलाष्टक के दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
28 मार्च, होलिका दहन का समय शाम 7:00 बजे से लेकर रात 9 बजकर 20 मिनट तक है। और आप सभी को हमारी टीम दैनिक सर्किल की तरफ से होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
होलाष्टक के दौरान वाहन खरीदना, विवाह, घर खरीद, भूमि पूजन, व्यापार शुरू करना, मुंडन आदि मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है।
आपको होलाष्टक में पूजा पाठ करने और भगवान का भजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है, और माना जाता है की होलाष्टक में कुछ विशेष उपाय करने से कई प्रकार के लाभ भी प्राप्त होते हैं। होलाष्टक के दौरान मनुष्य को श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन का पाठ करना चाहिए, जिससे आर्थिक संकट दूर होगा और इसके साथ ही कर्ज से मुक्ति मिलती है। आप इस बार इन आठ दिनों के दौरान भगवान नरसिंह और भगवान हनुमान के पूजा पाठ का भी विशेष महत्व है।