आईएएस दीपक रावत को आज पूरे देश भर के लोग जानते हैं वह अपने काम के अंदाज के लिए लोगों में मशहूर है लेकिन बचपन से लेकर आज तक का सफर उनके लिए बेहद संघर्षपूर्ण रहा।
एक साधारण परिवार से आने वाले दीपक रावत ने आईएएस बनने तक के सफर में कई कठिनाइयां झेली है।
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दीपक रावत का जन्म 1977 में मसूरी में हुआ था । उन की प्रारंभिक शिक्षा मसूरी में ही हुई लेकिन अपनी स्नातक की शिक्षा के लिए वह दिल्ली चले गए जहां उन्होंने दिल्ली हंसराज कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।
इसके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन करने के साथ-साथ अपने यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम की भी तैयारी शुरू कर दी हालांकि पहले दो प्रयासों में दीपक रावत यूपीएससी क्लियर नहीं कर पाए लेकिन तीसरे प्रयास में दीपक रावत में यूपीएससी क्लियर कर दिया वर्तमान समय में दीपक रावत कुमाऊं कमिश्नर का पद भी संभाल रहे हैं।
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बता दें कि दीपक रावत का यूट्यूब पर आईएएस दीपक रावत नाम से ऑफिशियल चैनल भी है जिसमें वे अपने काम और लोगों को मोटिवेशन करने के लिए वीडियोस भी बनाते हैं।
उनकी उनके फॉलोअर्स लाखो में हैं जो उनको पसंद भी करते हैं अपने यूट्यूब चैनल में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि उ बचपन से उनका सपना था कि वह बड़े होकर कबाड़ीवाला बने उनको बचपन से ही कूड़ा बीनने का बहुत शौक था और वह बचपन में आसपास पड़े खाली डब्बा और कबाड को इकट्ठा करके एक दुकान लगा लेते थे।
दीपक रावत बताते हैं कि उन्हें कबाड़ इकट्ठा करने में बेहद आनंद आता था और चीजों को जगह-जगह ढूंढने की उत्सुकता बनी रहती थी इसलिए वह बचपन से ही कबाड़ी वाला बनना चाहते थे।