भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की परीक्षा को पास करना कई युवाओं का सपना होता है जिससे लिए लाखों युवा कई सालों से लगातार मेहनत भी करते हैं लेकिन चंद ही इस परीक्षा को पास कर अधिकारी बन पाते हैं परीक्षा को पास करने वाले युवाओं में कई ऐसे होते हैं जिनका यूपीएससी का सफर बेहद ही कठिन होता है और वे फिर भी अपनी आर्थिक विषम परिस्थितियों से लड़कर अपनी मंजिल को हासिल कर लेते हैं।
ऐसी ही कहानी है साल 2020 के यूपीएससी टॉपर शुभम कुमार की।शुभम कुमार ने साल 2020में यूपीएससी में पहला रैंक हासिल किया था लेकिन बचपन से लेकर यूपीएससी का सफर शुभम कुमार के लिए आसान नहीं था एक साधारण परिवार से आने के बावजूद शुभम ने हार नहीं मानी और हर परेशानी से लड़कर आगे बढ़े और अपनी मंजिल को हासिल किया।
शुभम कुमार कटिहार के कुमारी गांव के रहने वाले है बचपन में शुभम की प्रारंभिक शिक्षा कटिहार में ही हुई है।लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए शुभम पटना आ गए।शुभम बताते हैं कि आईएस बनने के बाद भी उनके साथ फ्रॉड हुआ है शुभम का ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट है जिस पर लगभग 5हजार। फॉलोअर हैं लेकिन शुभम के ट्विटर पर अन्य फेक अकाउंट भी हैं जिन पर उनके अकाउंट से भी ज्यादा फॉलोअर हैं।
अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले शुभम कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपने जीवन में काफी उतार चढ़ाव देखे हैं लेकिन उनके परिवार ने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया वे लगभग 6 7 घंटे ही पढ़ाई किया करते थे। शुभम यूपीएससी के प्रथम प्रयास में सफल नहीं हुए लेकिन दूसरे प्रयास में 290 रैंक हासिल हुई इसके बाद शुभम ने अपने तीसरे प्रयास में साल 2020 में टॉप रैंक हासिल की।
शुभन कहते हैं हालांकि इससे पहले मेरा चयन इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस के लिए हो गया था ।लेकिन मेरा सपना था कि मैं आईएएस बने। उन्होंने अपने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखे। लेकिन अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे ।उन्होंने साल 2018 से आईएएस की परीक्षा की तैयारी करना शुरू किया था।
जिसमे काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ाबता दे कि जब आईएएस की परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ तो उस समय शुभम इंडियन डिफेंस अकाउंट्स सर्विस की ट्रेनिंग कर रहे थे।बात करें शुभम कुमार की एजुकेशन बैकग्राउंड की तो उन्होंने बॉम्बे आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग की है।.