गलवान घाटी हिंसा: चीन ने आधिकारिक तौर पर माना, गलवान में उसके सैनिक मरे, दिए बहादुरी पदक..

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India China standoff Chinese soldier killed at galwan valley

दिल्ली: अपको बता दें की, पहली बार आधिकारिक तौर से माना है कि गलवान घाटी की हिंसा में उसके चार सैनिक मारे गए थे, जबकि एक सैनिक घायल हुआ था। शुक्रवार को चीन की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) ने इन सभी सैनिकों को बहादुरी पदक से नवाजा। लेकिन आपको बता दें की, भारत और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया एजेंसियों का मानना है गलवान घाटी कि हिंसा में चीन के 45 सैनिक मारे गए थे।सीजीटीएन चीन के सरकारी टीवी, ने बताया कि शुक्रवार को सीएमसी ने मारे गए इन सभी सैनिकों को फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन और मानद उपाधि से सम्मानित किया है।

सीजीटीएन के मुताबिक, गलवान घाटी में भारतीय‌ सैनिकों से लड़ते हुए मारे गए पीएलए सेना के जवान चेन हॉन्गजुन को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चायना द्वारा जारी इस ‘सदी के हीरो’ का खिताब दिया गया है। जानकारी मिली है की, इस लिस्ट में कुल 29 चीनी नागरिक हैं, जिन्होनें पिछले 100 सालों में चीन की सीमाओं की सुरक्षा, कोरियाई युद्ध, जापान से युद्ध, पुलिसिंग, स्वास्थय सेवाओं आदि में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ALSO READ THIS:उत्तराखंड: भुवन जोशी के गांव वालो ने चितई गोलज्यु मंदिर में लगाई अर्जी, करी इंसाफ की मांग…

चीन द्वारा गलवान घाटी में मारे गए सैनिक को सदी के हीरो का इसके अलावा अन्य शहीद सैनिक चेन जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग जुओरन को फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन दिया गया है। चीन के जवानों का नेतृत्व करने वाले एक कर्नल, क्यू फेबाओ जो हिंसा के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे उन्हें ‘हीरो कर्नल’ की उपाधि से सम्मानित किया गया है । बताया जा रहा है की सीजीटीएन ने गलवान का नाम नहीं लिया है और कहा है कि जून के महीने में एक सीमा विवाद में ये क्षति हुई है।

वहीं, इस मामले में भारत और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया का मानना है कि, चीन के लगभग 45 सैनिक गलवान घाटी की हिंसा में मारे गए थे। लेकिन सीएमसी ने मारे गए कुल सैनिकों की संख्या नहीं बताई है, उन सैनिकों की जानकारी दी गई है, जिन्हें बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया है। चीन की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने ये सम्मान पीएलए सैनिकों को दिया है। वहीं गलवान घाटी की हिंसा में भारतीय‌ सेना के कुल 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे, उनमें से छह जवानों को वीरता मेडल से नवाजा गया था। कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र और पांच अन्य सैनिकों को वीर चक्र।

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