खबर जामनगर से आ रही है। यहां 27 वर्ष पहले इंडियन एयरफोर्स के तीन अफसरों ने अपने सहयोगी की हत्या की थी,जिस मामले में कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।जानकारी के मुताबिक तीनों आरोपियों का नाम अनिल केएन (सार्जेंट, भारतीय वायु सेना),अनूप सूद (जामनगर में भारतीय वायु सेना में तत्कालीन स्क्वाड्रन लीडर), और महेंद्र सिंह शेरावत ( तत्कालीन सार्जेंट, भारतीय वायु सेना) है जिन्होने गिरिजा रावत (वायु सेना- I, जामनगर में कुक के रूप में कार्यकर्त) की हत्या की।बताया गया है कि वे 15 सालों से यह काम कर रहे थे।
वहीं बात 13 नवंबर 1995 की है जब तत्कालीन स्क्वाड्रन लीडर अनूप सूद के साथ मिलकर कुछ अधिकारी गिरजा रावत के आवास में आए और वहां की तलाशी ली।उसके बाद वे गिरजा को अपने साथ वायु सेना कैंटीन से शराब चोरी करने की बात कबूल करने के लिए जबरदस्ती ले गए।
घटना के बाद जब गिरजा की पत्नी गार्ड रूम पहुंची तो उसने उन अधिकारियों से गिरजा को रिहा करने की विनती की।जिसपर उन्होंने उसे जल्दी ही रिहा करने का भी आश्वासन दिया। फिर भी उसे नही छोड़ा गया।
बाद में पत्नी ने आरोप लगाया कि उन अधिकारियों द्वारा उनके पति को बहुत प्रताड़ित किया गया जिससे उनकी मृत्यु हो गई ।वहीं गिरजा की मृत्यु की खबर 14 नवंबर को उन्हें मिली
पहले यह मामला गुजरात पुलिस के हाथ में था,जिसके बाद CBI ने खुद से जांच पड़ताल शुरू की।वहीं,30 जुलाई 2013 को तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई।उनके साथ के अन्य तीन लोग रिहा हुए।वहीं एक आरोपी की मृत्यु सुनवाई के समय ही हुई।