- कोरोना( corona) मरीजों का आंकड़ा देश में 86 हज़ार पार होने वाले हैं जबकि 2753 लोगों की मौत भी हो गयी है।
- अब तक देश में 30 हज़ार से ज्यादा लोग कोरोना( corona) से ठीक भी हो चुके हैं, रिकवरी रेट बढ़कर 35% हुआ।
मार्च के महीने से ही कोरोना वायरस ने दुनिया में तबाही मचाना शुरू कर दिया था, उस समय कई देशों में कोरोना के मामले 10 हज़ार को भी नहीं छू पाए थे। लेकिन अब तक सभी देशों को यह अंदाज़ा हो गया था कि कोरोना वायरस कितना खतरनाक है और ये कितनी तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। भारत मे 24 मार्च तक लगभग 500 या 600 कोरोना के मामले थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कोरोना वायरस के खतरे को भांपते हुए 130 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में 25 मार्च से 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया था। लेकिन हालात बिगड़ते देख प्रधानमंत्री को देश मे 15 अप्रैल से 3 मई तक 19 दिन का लॉकडाउन और बढ़ाना पड़ा, उसके बाद एक बार फिर 14 दिन का लॉकडाउन बढाकर 17 मई तक कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने 11 मई को देश के तमाम मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर लॉकडाउन 4 का भी संकेत दे दिया था। देश में जहां 25 मार्च तक कोरोना संक्रिमितों का आंकड़ा 600 पार था, लॉकडाउन के बावजूद ठीक 53 दिन बाद आज देश में कोरोना संक्रिमितों की संख्या लगभग 86 हज़ार हो चुकी है।
अब तक देश में 2753 लोगों की कोरोना( corona) के चलते मौत हो गयी है तो वहीं 30,258 लोग ठीक भी हो चुके हैं। अच्छी बात यह है कि देश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 35% हो चुका है और पिछले 24 घण्टों में ही 2277 लोग कोरोना से ठीक होक डिस्चार्ज भी किये जा चुके हैं। देश में लॉकडाउन लागू करने का कितना फायदा हुआ है इसका अंदाज़ा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि 25 मार्च को अमेरिका में 51 हज़ार कोरोना संक्रिमित थे तो वहीं उस समय भारत में 606 कोरोना संक्रिमित थे। लेकिन आज ठीक 53 दिन बाद अमेरिका में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14,84,286 हो गए और जबकि भारत में आज कुल 85,940 मामले हैं। इससे आप यह अंदाज़ा लगा सकते हैं कि यदि अब भारत के नागरिक भी लॉकडाउन में लापरवाही करते हैं तो अगले 50 दिनों में भारत में संक्रिमितों की संख्या भी अमेरिका जितनी या उससे भी कई ज्यादा हो सकती है।