डिप्रेशन कैसे किसी व्यक्ति को अंदर तक झकझोर के रख सकता है ये आप जोधपुर में सीआरपीएफ में तैनात जवान नरेश जाट की कहानी से समझ सकते हैं। बता दे कि कि सीआरपीएफ में तैनात जवान नरेश जाट ने खुदको गोली मार कर आत्महत्या कर ली थीं जिसके पहले उन्होंने 7 पन्नो का सुसाइड नोट लिखा था और साथ में एक वीडियो भी जारी किया था।
पूरा मामला यह है की नरेश जाट ने अपने अंतिम वीडियो में बताया कि वे बहुत तनावपूर्ण स्तिथि में है क्योंकि आरटीसी के डीआईजी भूपेंद्रसिंह और अर्जुन और गौरव मनाली उसे काफी प्रताड़ित करते हैं जिस से वह काफी डिप्रेशन में चला गया है।
बता दे कि पहले तो नरेश जाट ने अपनी पत्नी और अपनी बेटी को बंधक बना कर रखा उनको बंधक बनाते बनाते उसे 18 घंटे व्यतीत हो गए थे जिसके बीच में वह बार बार अपनी बालकनी में आकर हवा में गोलियां भी चला रहा था सभी अधिकारियों ने नरेश को ऐसा न करने को भी कहा लेकिन उसने किसी की एक न सुनी फिर मंगलवार को उसने आईजी से बात करने को जोधपुर बुलाया लेकिन जब तक डीआईजी जयपुर पहुंचते उस से पहले ही नरेश ने खुदको गोली मार दी।
अपने मरने से पूर्व उसने अपनी पत्नी को सुसाइड नोट की फोटो भी भेजी थी ताकि यह पुलिस के पास जा सके।नरेश के पिता लिखमाराम ने दुख के साथ मीडिया वालों के सामने बयान देते हुए कहा कि “मैने अपना जिंदा बेटा दिया था आप लोगो की वजह से उसका यह हाल हो गया शहीद होता तो गर्व से उसका शव लेकर जाता अब ऐसे शव ले जाकर क्या करूं? “
यह मामला कारवड के एसएचओ कैलाश दान चारण तक पहुंचा उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ का प्राथना पत्र मिला है जिसमे मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम किया जा चुका है जबकि परिजनों द्वारा मामला दर्ज करने पर जोर दिया जा रहा है।