तालिबान का अफ़गानिस्तान पर कब्जे के बाद से ही उनका आतंक बहुत बढ़ गया है। और वह हर बर्बरता की हदें पार कर रहा है। तालिबान ने दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अफगानिस्तान की नई सरकार में सभी की भागीदारी होगी और तालिबान लड़ाकों को औरतों से बात करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। लेकिन महिलाओं को लेकर उनकी यह बातें वो है जो वह दुनिया को दिखाने के लिए कर रहा है। जबकि सच्चाई का खुलासा भारत आई अफगानिस्तान की लेडी अफसर ने किया। तालिबान ने लेडी ऑफिसर की आंख तक निकाल ली।
आए दिन हम तालिबान की क्रूरता की खबर सुनते रहते हैं लेकिन एक लेडी पुलिस अफसर खातिरा हाशमी पर तालिबान का जुल्म कहर बनकर टूटा। खातिरा हाशमी अफगानिस्तान के गजनी प्रांत के पुलिस विभाग में महिला अफसर थीं। पुलिस में भर्ती होकर ख़ातिरा ने अपने सपनों को साकार किया, क्योंकि वह पुलिस में भर्ती होने का सपना काफी समय से देख रही थी। खातिरा जानती थीं की महिलाओं का काम करना तालिबान को पसंद नही होगा फिर भी पुलिस में जाने के अपने फैसले से वो पीछे नहीं हटीं।
लेडी पुलिस अफसर खातिरा हाशमी पर 7 जून 2020 को संदिग्ध तालिबान लड़ाकों के एक ग्रुप ने हमला किया। उन्होंने यह कहानी बताते हुए कहा, ‘उनमें से दो के पास बंदूकें थीं. जब उन्होंने मुझे गोली मारी तो गोली मेरी पीठ और हाथ में लग गई, लेकिन मैं तभी भी खडी हो पा रही थी। लेकिन जब एक गोली मेरे सिर पर लगी, तो मुझे पता नहीं चला कि क्या हो रहा है और मैं जमीन पर गिर गई। उनकी क्रूरता यहीं पर खत्म नहीं हुई फिर उन्होंने चाकू से मेरे आंखों पर वार किया, क्योंकि तालिबानियों को डर था कहीं मैं उन्हें पहचान न लूं और उन्होंने मेरी आँखें निकल ली। तालिबानियों के गुरु टाका यह तो एक छोटा सा किस्सा है। तालिबान की हैवानियत की कहानी तो अफगानिस्तान के कोने कोने तक फैली हुई है। यहां हर रोज कई खातिरा जैसी लड़कियों का सपना दम तोड़ देता है।
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