उत्तराखंड में जो भी सीएम इस बंगले में रहा…. उसने गंवाई अपनी कुर्सी…..

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आज उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस्तीफा दे दिया, इस्तीफा देने बाद ही सीधे लोग दूसरे सीएम बनने की राह देख रहे हैं। वहीं लोग इस एस्टाइफ को ले के अलग अलग टीपणीया दे रहे हैं। आपको तो पता ही होगा की त्रिवेंद्र सिंह रावत ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। लेकिन माना जा रहा था कि वो मुख्यमंत्री के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं इस इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री का अभिशप्त बंगला एक बार फिर चर्चा में बना हुआ है। वहीं इस बंगले के बारे में कहा जाता है कि यहां जो भी मुख्यमंत्री राहत है वो अपना कार्यकाल कभी पूरा नहीं कर पाता।, वहीं त्रिवेंद्र रावत ने भी ये साबित कर दिया है। ।

आपको बता दें की इस बंगले को लेकर कई कहानियां जुड़ी हैं। जैसे की स्व. एनडी तिवारी के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के रहने के लिए दून में आलीशान बंगला तैयार किया गया था, और 2007 में कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई तो बीजेपी सरकार सत्ता में आई। बीसी खंडूरी ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, पर ढाई साल में ही उनकी कुर्सी चली गई।

इसके बाद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक सीएम बने, वो भी इसी बंगले में रहते थे। वहीं डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं पाए।

वहीं कांग्रेस साल 2012 में दोबारा सत्ता में आई जिसमे सीएम के तौर पर विजय बहुगुणा नियुक्त हुए। वहीं लोगों का कहना है की इस बंगले को अभिशप्त बंगले के तौर पर पहचाना जाने लगा था। वहीं विजय बहुगुणा भी इस बंगले में रहने लगे और उनके हाथ से भी कुर्सी छिन गई।

और उनके बाद आए हरीश रावत लेकिन वो इस बंगले में न जाकर वो बीजापुर गेस्ट हाउस में रहने लगे। वहीं 2017 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद त्रिवेंद्र ने फिर से इस बंगले को अपना आशियाना बनाया। वहीं अभिशाप का असर न हो इसके लिए पूजाएं कराईं, लेकिन उन्होंने भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। और आज आखिरकार उन्होंने भी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। अब बस देखना ये होगा की उत्तराखंड का अगला सीएम कौन बनता है।

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