पाकिस्तान के पूर्व राषट्रपति परवेज मुशर्रफ को सुनाई गई फाशी की सजा
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जनरल परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को पाकिस्तान का तख्ता पलट करके वहां के राषट्रपति बने थे अब उनको सजा ये मौत यानिं फासी की सजा सुना दी गई है। दरअसल परवेज के खिलाफ देश द्रोह का केश था हालांकि इसपर फैसला आज से पांच वर्ष पहले 31मार्च 2014 को ही आ गया था।लेकिन परवेज को फासी की सजा 17 नवंबर 2019 को सुना दी गई है
ये सजा पाकिस्तान के तीन जजों के बंच वाली विशेष अदालत ने और इसके अध्यक्ष पेशावर हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस वाकार अहमद सेठ थे
parvez musharraf photo |
जनरल परवेज मुशर्रफ वैसे तो पाकिस्तानी सेना के सेना अध्यक्ष थे और पाकिस्तान के पूर्व राषट्रपति भी और जनरल परवेज मुशर्रफ ने अक्टूबर 1999 में सैनिया विद्रोह भी किया ये उसी समय की बात है जब भारत ने कारगिल में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानियों को मार भगाया था।और पाकिस्तान की सरकार को दबाव में डाल दिया था ।और इसी का फायदा उठाते हुए जनरल ने पाकिस्तान का तकता पलट करके पकिस्तान की सरकार अपने हाथ में ले ली थी।जून 2001में उन्होंने सैन्य प्रमुख रहते हुए खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। और 5 साल के लिए पाकिस्तान के राषट्रपति बन गए
नवंबर 2007 में परवेज ने एक बार फिर से राष्ट्रपति चुनाव जीता लेकिन उसको वहां के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई थी और इसके बाद उन्होंने 3 दिसंबर 2007 को पाकिस्तान में आपात काल घोषित कर दिया था और वहां का चीफ जस्टिस भी बदल दिया था जिसने उनके राष्ट्रपति के चुनाव पर मोहर लगा दी जिसके कारण मुशर्रफ़ का विरोध बड़ता चला गया और पाकिस्तान के दो राजनेतिक दल उनके खिलाफ महा वियोग लाने पर सहमत हो गए। जिसके कारण परवेज को अपने राष्ट्रपति पद से स्तीफा देना पड़ा।
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क्यों है देश द्रोह का केश
परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान में 3 दिसंबर 2007 को वह इमरजेंसी लगा दी थी जिसके कारण मुशर्रफ़ के खिलाफ दिसंबर 2013 में देश द्रोह का केश दर्ज किया गया। पकिस्तान में इमजेंसी लगाने के पूरे 6 साल बाद ये केश दर्ज किया गया और नवाज सरीफ ने ही उनके खिलाफ ये केश दर्ज किया था। पाकिस्तान के आनंद फानांड में इसकी सुनवाई हुई और मार्च 2014 को मुशर्रफ़ को दोषी करार दिया गया लेकिन फसि की सजा सुनने में पाकिस्तान की अदालत को पांच साल का वक्त लग गया।