आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कौशांबी से एक अजीबो ग़रीब मामला सामने आया है। जहाँ कुछ दिन पहले युवाओं द्वारा लोगों को फ़्री में बल्ब बाँटे गए थे। उसी फ़्री में बाँटे गए बल्ब के होल्डर में एक बड़ी टेलीकॉम कंपनी का सिम लगा हुआ मिला है। बल्ब के होल्डर में सीम लगा हुआ मिलने से पूरे इलाक़े में अफ़रातफ़री मच गई है। माना जा रहा है कि यह सैम किसी बड़े अपराध को अंजाम देने के लिए लगाया गया है। इसके बाद इस घटना की सूचना एटीएस को दी गई जिसके बाद ATS द्वारा मामले की जाँच शुरू कर दी है ।
मिली जानकारी के मुताबिक़ कौशांबी निवासी बृजेश केसरवानी को दिए गए बल में सिम लगे होने का मामला सामने आया है। बृजेश का कहना था कि नवरात्रि से पहले बाज़ार में कुछ युवाओं द्वारा फ़्री में बल्ब बाँटे जा रहे थे सिर्फ़ उन्हें ही नहीं बल्कि 50 और लोगों को उन युवाओं द्वारा बल्ब बाँटे गए। साथ ही उन्होंने कहा कि फ़्री में मिलने वाले बल्ब ने तीन दिन पहले काम करना बंद कर दिया था। जिसके बाद वह उस बल्ब को लेकर इलेक्ट्रिशियन के पास ले गए जब इलेक्ट्रिशन ने उसका होल्डर खोला तो वह उसे देख दंग रह गए। मैं होल्डर के अंदर एक बड़ा सा काठ बोर्ड लगा हुआ था जिसके अंदर एक बड़ी टेलीकॉम कंपनी का सीम था। साथ ही उसमें एक एरियर भी लगा हुआ था।
इस मामले के बाद फ़्री में बल्ब बाँटने वाली कंपनी ने एक बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कि उजाला योजना के तहत फ़्री में बल्ब और होल्डर बाँटे गए थे। साथ ही कम्पनी का कहना है कि कार्बन क्रेडिट के संख्या पता करने के लिए होल्डर में चिप और सीम लगाया गया था। वहीं दूसरी ओर ATS की टीम ने इस मामले की जाँच करना शुरू कर दिया है।
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