उत्तरप्रदेश के बदायूं में उमड़ी भीड़ ने कोरोना को न्योता दिया। यहां जिला काजी हजरत शेख अब्दुल हमीद मुहम्मद सालिमुल कादरी का इंतकाल (निधन) हो गया। उनके निधन की खबर सुनते ही हजारों की भीड़ उमड़ गयी। करीब 15-20 हजार लोगों उनके जनाजे में शामिल होने पहुंचे। ऐसा मंजर देख कोविड गाइडलाइन्स की धज्जियां उड़ा गयी। इतनी भीड़ में होने के बावजूद कई लोगों ने मास्क नहीं पहन रखा था। महामारी अधिनियम के तहत सोमवार रात को कुछ अनजान लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
जब कादरी साहब जीवित थे तब उन्होंने कई मामलों पर सरकार का साथ दिया था। नागरिकता संशोधन कानून में भी उन्होंने सरकार का साथ दिया। साथ में वे लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करने की भी सलाह देते थे। उनके द्वारा इतना समझाने के बावजूद उनके निधन पर हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ गयी। सभी लोग उनके जनाजे को कंधा देने के लिए बेताब दिख रहे थे।
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जैसे ही घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। लोगों ने बदायूं पुलिस पर सवाल करने शुरू कर दिए। फिर पुलिस ने महामारी अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया। SP सिटी प्रवीण सिंह चौहान को मामले की जांच सौंपी गई है। जहाँ सरकार ने अंतिम संस्कार पर सिर्फ 20 लोगों को आने की अनुमति दी है। वहीं यहां पुलिस प्रशासन की असमर्थता के कारण हजारों लोग कादरी साहब के जनाजे पर इकठ्ठे हो गए। पुलिस अधिकारियों ने न तो किसी को समझाने की कोशिश की और न ही किसी को रोका।