एक बार फिर गाजियाबाद का नाम बदलने की आवाज उठी है बताया जा रहा है कि इस बार दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरी ने सरकार से इस बात का अनुरोध किया है कि वह गाजियाबाद का नाम बदलने कि मांग पूरी करें।
बताया जा रहे कि जिले का नाम बदलने की मांग बहुत पहले से हो रही है कभी जनप्रतिनिधि द्वारा तो कभीजनप्रतिनिधि द्वारा तो कहीं जनप्रतिनिधि द्वारा तो कभी जनता द्वारा बार-बार गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग हुई है जिस के संदर्भ में कई बार सरकार को ज्ञापन भी सौंपा गए हैं
एक बार फिर से दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायणगिरी ने गाजियाबाद के नाम को बदलने का अनुरोध किया है बताया है कि वे चाहते हैं कि गाजियाबाद का नाम बदलकर “गजप्रस्थ ” कर दिया जाए यही नहीं उन्होंने लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की और अपनी बात उनके सामने रखी।
महंत नारायण गिरी के अनुसार गाजियाबाद को पहले गजप्रस्थ के नाम से ही जानते थे और वे आज भी गाजियाबाद को गजप्रस्थ के नाम से ही पुकारते हैं उन्होंने योगी आदित्यनाथ जी से मुलाकात की जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह सावन के बाद दूधेश्वर नाथ मंदिर आकर पूजा करेंगे और गाजियाबाद का नाम बदलने पर भी विचार विमर्श करेंगे।
इतिहास की तरफ देखे तो 1740 में गाजियाबाद की स्थापना हुई थी जोकि मुगल सम्राट गाजी उद्दीन ने की थी जो कि पेशावर से कोलकाता जाने वाली ग्रैंड ट्रंक रोड पर की थी , उन्हीं के नाम पर गाजियाबाद को पहले गाजी उद्दीन नगर भी कहते थे बाद में रेल मार्ग आने के कारण 1864 में इसका नाम बदलकर गाजियाबाद कर दिया गया।
ऐसा नहीं है कि यह पहली कोशिश है जिसमें गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग भी हो इससे पहले भी कई जनप्रतिनिधि गाजियाबाद के नाम को बदलने के लिए सरकार को ज्ञापन सौंप चुके हैं जिनमें से पहला नाम गाजियाबाद के ही सांसद डॉ अनिल अग्रवाल जो कि राज्यसभा के सदस्य हैं वह मुख्यमंत्री जी को गाजियाबाद का नाम बदलकर महाराजा अग्रसेन रखने की मांग को लेकर चिट्ठी लिख चुके हैं।
फिर दूसरा नाम साहिबाबाद के सुनील शर्मा हैं जो कि विधानसभा के सदस्य हैं उन्हें विधानसभा में गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्त रखने की बात कही थी इनके बाद आते हैं दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरी उन्होंने भी सीएम योगी से मुलाकात की और अपना ज्ञापन उन्हें सौंपा।