सोमवार को उत्तर प्रदेश में 9 और जीआरपी जवान पाए गए कोरोना पॉजिटिव, पढ़िये पूरी खबर…

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चारबाग रेलवे स्टेशन पर सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के बीच कोविड -19 का प्रकोप एक संकट में बदल सकता है। 9 जवानों के कोरोना संक्रिमित होने के कारण उन्हें सोमवार को छुट्टी देकर उन्हें अपने अपने घर भेज दिया गया। कोविड-19 के प्रकोप के कारण 24 मई से अब तक 16 जवानों के कोरोना से संक्रमित होने के बाद इन सभी को 12 दिन की छुट्टी देकर घर में होम क्वारन्टीन (quarantine) रहने को कहा गया है।

इनमें से 20 जवानों ने शुक्रवार को रेड क्रॉस सोसाइटी में अपनी मर्ज़ी से कोरोना टेस्ट करवाया था। हालांकि, रिपोर्ट आने से पहले उन्हें छुट्टी पर जाने के लिए कह दिया गया था। सोमवार को कोरोना टेस्ट के कुछ और रिपोर्ट्स सामने आने से 9 जवान और संक्रिमित पाये गये।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि उन 9 नए मरीजों में से 8 को मेरठ, सहारनपुर, हमीरपुर, अयोध्या, बुलंदशहर और हरदोई में अपने अपने घर भेज दिया है, जबकि एक जीआरपी की पर ही क्वाण्टीन है।
सीएमओ डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि “जिसने भी जीआरपी से अपने अपने घर की ओर यात्रा की वे न सिर्फ अपने आप को बल्कि दूसरों को भी जोखिम में डालते रहे हैं। उनके कारण रास्ते में रास्ते में कई लोग संक्रिमित हो सकते हैं और बाद में उनके परिवारों में भी संक्रमण फैल सकता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि “हम उन 30 लोगों के हालात भी नहीं जानते जो कोरोना टेस्ट करवाये बिना अपने घर चला गए। यदि उनमे से कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो वह बाकियों को जोखिम में डाल सकता है। जवानों को लखनऊ नहीं छोड़ना चाहिए था, अगर जवान जीआरपी से बातचीत करते, तो उनके लिए शहर में ही क्वारन्टीन सेंटर का प्रबंध करवाया जाता।”

चारबाग में 240 में से 25 जीआरपी कांस्टेबल कोविड-19 के शिकार हो चुके हैं। एसपी जीआरपी सौमित्र यादव ने कहा, “केवल बैरक में रहने वाले पुलिसकर्मी जहां कोई मामला नहीं पाया गया, उन्हें छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया। हमने CMO को प्रोटोकॉल की सूचना मांगने के लिए चिठ्ठी भी भेजी लेकिन किसी अधिकारी ने भी उत्तर या कैम्प का दौरा तक नहीं किया।”

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