जैसा कि हम सब जानते हैं कि 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन है। इस भव्य अवसर पर देश विदेश से कई मेहमानों को निमंत्रण भेजा गया है। लेकिन मेहमानों की सूची में 2 नाम काफी चर्चा में हैं। पहले नाम से तो आप सभी परिचित होंगे, वह है इकबाल अंसारी। इकबाल अंसारी बाबरी मस्जिद के पक्षकार रह चुके हैं। तो वहीं मुख्य मेहमानों की सूची में दूसरा नाम मोहम्मद शरीफ है। आप इस नाम से शायद ही परिचित होंगे। चलिए जानते हैं मोहम्मद शरीफ कौन है?
मोहम्मद शरीफ 80 वर्ष के एक साइकिल मिस्त्री है। वह अयोध्या के खिड़की अली बेग मोहलले के निवासी है। आपको बता दें, उन्हें पिछले वर्ष पद्मश्री के सम्मान से भी नवाजा गया था। उन्हें पद्मश्री से इसलिए नवाजा गया क्योंकि अब तक वह 25 हजार से ज्यादा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। वह हर शव का अंतिम संस्कार पूरे रीति रिवाज के साथ करते हैं। भले ही वह हिन्दू हो या मुस्लिम।
यह भी पढ़े: मुम्बई में कोर्ट ने एक रेप आरोपी को दी कंडीशनल जमानत, भांजी के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप
आज से 28 साल पहले शरीफ के एक बेटे की मौत हो गयी थी। उसका नाम मोहम्मद रईस था जो कि एक केमिस्ट था। दरअसल उन दिनों अयोध्या में काफी विवाद और दंगे भड़क रखे थे। जिसके चलते मोहम्मद रईस उन दिनों सुल्तानपुर चला गया था। लेकिन वह वहां से लापता हो गया लेकिन करीब एक महीने बाद उसका शव रेल पटरी पर मिला। दंगों का शिकार हो गया। हालांकि वहां के लोगों ने रईस के शव को लावारिस समझकर उसका अंतिम संस्कार किया था। इस हादसे के बाद जिले के लावारिस शवों की जिम्मेदारी उठा दी। उन्होंने सभी लावारिस शवों के अंतिम संस्कार पूरे रीति रिवाजों से किया।
उनका कहना है कि उन्होंने हिन्दू मुस्लिम में कोई भेद नहीं किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ही उन्हें पद्मश्री के लिए चुना था। उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलने की इक्छा भी जतायी
अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो कृप्या हमें नीचे दिए गए लिंक के जरिये। गूगल ऐप पर भी फॉलो करके हमारा हौसला बढ़ाये…. Dainik circle news par