देहरादून में एक बच्चे की खेल खेल में जान चली गई. बच्चा अपनी बहन के साथ खेल रहा था. खेल खेल में उसको एक शरारात सूझी और उसने कुत्ते के गले का पट्टा अपने गले में डाल लिया. जैसे ही बच्चा नीचे झुका और पट्टे के खिंचने से बच्चे का दम घुटने लगा. बहन ने जब भाई को तड़पते हुए देखा तो उसने पट्टा खोलने की कोशिश की किंतु वह पट्टा नहीं खुला.बहन बहुत डर गई थी और वह चिल्लाते हुए बाहर भागी और पड़ोसियों को बुला लाई. परंतु बदकिस्मती से तब तक बच्चे की मृत्यु हो चुकी थी.
यह घटना देहरादून, पटेलनगर मेंहूवाला की है. यहां पर कुलदीप जोकि ऑटो रिक्शा चालक हैं, अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते हैं. उनका 12 साल का बेटा कार्तिक था और 10 साल की बेटी है. घटना बीते शुक्रवार की है जब कुलदीप अपना ऑटो रिक्शा लेकर काम पर चले गए और उनकी पत्नी बाजार चली गई. उस वक्त दोनों बच्चे घर में अकेले थे. वे दोनों खेल रहे थे और खेल खेल में ही कार्तिक को योजना सूझी और उसने कुत्ते का पट्टा उठाया और उससे खेलने लगा.
कार्तिक ने पट्टा उठाकर दरवाजे के ऊपर से दूसरी और फेंका जिसकी वजह से पट्टे का दूसरा छोर कुंडे में फंस गया. कार्तिक ने अपनी तरफ के छोर अपने गले में पहन लिया. जैसे कार्तिक थोड़ा झुका तो कार्तिक के गले का पट्टा कसने लगा. बहन ने जब भाई को तड़पते हुए देखा तो उसने उसके गले से पट्टे को खोलने की कोशिश की और जब पट्टा नहीं खुला तो उसने दरवाजे के पीछे जाकर कुंडे में से भी पट्टे को खोलने की कोशिश की लेकिन पट्टा नहीं खुला.
हार कर वो घर से बाहर भागी और चिल्लाने लगी. चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे. फिर उन्होंने कार्तिक के गले से पटा निकाल दिया. परंतु तब तक 12 वर्षीय कार्तिक की मृत्यु हो चुकी थी. घटना के बाद से घर में मातम का माहौल छाया हुआ है. मां बेसुध पड़ी है क्योंकि उनके घर का इकलौता चिराग बुझ चुका है.सूर्यभूषण नेगी जोकि पटेलनगर एसएचओ है. उन्होंने बताया कि शायद बच्चे का पैर फिसलने से यह फंदा लगा होगा. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.