पुणे से 60 किलोमीटर दूर, आवासी खुर्द गांव के 24 दोस्तों का एक ग्रुप उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आई अचानक आई बाढ़ और भारी बारिश के बाद से गायब है। 1990 के दसवीं कक्षा के ये 24 दोस्त 35 साल बाद ‘चार धाम यात्रा’ के लिए फिर से इकट्ठा हुए थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रुप ने 1 अगस्त को मुंबई से ट्रेन के जरिए अपनी यात्रा शुरू की थी और 12 अगस्त को वापस लौटने का शेड्यूल था।
अवसारी खुर्द के रहने वाले अशोक भोर के बेटे आदित्य ने कहा कि परिवार ने उनसे आखिरी बार 5 अगस्त की शाम 7 बजे के आसपास बात की थी। उन्होंने TOI को बताया, “तब से हम उनसे या ग्रुप के किसी दूसरे सदस्य से संपर्क नहीं कर पाए हैं। उनके मोबाइल फोन भी नहीं मिल रहे थे।”
यात्रा में शामिल न हो पाने वाले बैचमेट मल्हारी अभंग ने बताया, “मैंने उनसे आखिरी बार सोमवार (4 अगस्त) दोपहर को वीडियो कॉल पर बात की थी और कुछ ने गंगोत्री जाने के बारे में सोशल मीडिया पर अपडेट पोस्ट किए थे। लेकिन उसके बाद से हमारा उनसे संपर्क नहीं हो पाया।”
महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह उत्तराखंड प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है। धराली इलाके में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण राज्य के 151 पर्यटक फंस गए हैं।अधिकारियों ने गुरुवार, 7 अगस्त को बताया कि अब तक इनमें से 120 पर्यटकों से संपर्क किया जा चुका है और बताया गया है कि वे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) कैंप में सुरक्षित हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जिन पर्यटकों से अभी तक संपर्क नहीं हो पाया है उनमें ठाणे के पांच, सोलापुर के चार, अहिल्यानगर का एक, नासिक के चार, मालेगांव के तीन, चारकोप-कांदिवली के छह, मुंबई उपनगर के छह और टिटवाला के दो लोग शामिल हैं।महाराष्ट्र के मुख्य सचिव राजेश कुमार ने मीडिया को बताया कि पर्यटकों को रेल या हवाई परिवहन से वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है।
एक आधिकारिक रिलीज में कहा गया है कि राज्य का आपदा नियंत्रण कक्ष राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, उत्तरकाशी में जिला नियंत्रण कक्ष और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ लगातार समन्वय में है।