उत्तराखंड पुलिस विभाग में 2015 में हुई भर्ती के बाद अब दरोगाओन की पोल खुलने लगी है बताया जा रहा है कि विभाग में ऐसे भी दरोगा बैठे हैं जिन्हें अभी तक केस डायरी में नहीं आती वह अपने जूनियर को पैसे देकर केस डायरी लिखो आते हैं
उत्तराखंड में इन दिनों धांधली बाजी के कारण संपूर्ण विभागों में हड़कंप मचा हुआ है वहीं सचिवालय विभाग में अमानवीय तरीकों से नियुक्तियां की गई थी जिनका जांच पड़ताल किया जा रहा है वहीं अब पुलिस दरोगा 2015 की भर्ती की भी जांच पड़ताल की जा रही है बता दे कि साल 2015 में कुल 10 फ़ीसदी दरोगा पुलिस में भर्ती हुए थे लेकिन अब मामला यह सामने आ रहा है कि इन 10 फीसदी दरोगा को अपना मूल काम केस डायरी लिखना तक नहीं आता वह अपने जूनियर्स को केस डायरी लिखने के लिए पैसे देते हैं।
वहीं पुलिस विभाग में कुछ ऐसे भी महान दरोगा बैठे हैं जो कि फर्जीवाड़ा करके दरोगा बने हुए हैं बता दें कि ऐसे दरोगाओं की संख्या कुल 30 से 35 है जो कि धांधली बाजी करके दरोगा पद पर बने हुए हैं बता दें 30 से 35 दरोगा नकल करके पास हुए हैं वहीं अधिकारियों का कहना है कि इन दरोगाओं को अपना मूल काम केस डायरी लिखना तक नहीं आता।
यह दरोगा अपने व्यस्त रहने का नाटक करके सारा काम अपने जूनियर से कराते हैं वह इस बात के लिए अपने जूनियर को पैसा देते हैं बताया जा रहा है कि विभाग में विजिलेंस द्वारा संपूर्ण मामले की जांच पड़ताल की जा रही है अगर कोई दोषी पाया गया तो उसको अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।
बता दे कि डीजीपी अशोक कुमार द्वारा यह कार्यवाही की जा रही है उन्होंने कहा कि अगर इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा साथ ही हम उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे।