देश भर से कई श्रद्धालु चार धाम यात्रा के लिए पहुंचते हैं.श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना उसका पूरा ध्यान रखा जाता है. इसी क्रम में खाद्य पदार्थों की पूरी तरह से जांच की जाती है, तथा लोगों के स्वास्थ्य के साथ कोई खिलवाड़ ना हो इसके लिए खाद्य पदार्थों के सैंपलिंग के निर्देश दिए थे. यात्रा क्षेत्र से लिए गए| दाल मसाले रिफाइंड और दूध जैसे 68 नमूने फेल हुए हैं.
यह अभियान चार धाम यात्रा प्रवेश द्वार ऋषिकेश और टिहरी गढ़वाल पर चलाया गया है. इन जगहों से लिए गए मसाले, दाल, रिफाइंड और दूध सहित कई नमूने फेल हुए हैं. बताया जा रहा है कि पनीर में डिटर्जेंट ,मसालों में कलर, एवं दिलीप मिश्रा की मात्रा कितनी है.लैब से रिपोर्ट संबंधित जनपदों में कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी. प्रत्येक वर्ष पहुंचते हैं लाखों श्रद्धालु अप्रैल माह से चारधाम यात्रा प्रारंभ हो चुकी है.
देवभूमि उत्तराखंड में लाखों श्रद्धालु देश भर से दर्शन के लिए पहुंचते हैं. जिसे देखते हुए खाद्य सामग्री में मिलावट ना हो इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने ऋषिकेश, टिहरी-गढ़वाल, गंगोत्री, केदारनाथ मार्ग, धनसाली, चनियाला, चंबा में 15 दिन पहले से ही मोबाइल टेस्टिंग लैब से क्षेत्र के कई प्रतिष्ठानों से दूध एवं इससे बने उत्पादों के 35 नमूने, मिठाइयों के 56 नमूने, मसालों के 62, रिफाइंड तेल के 12, दाल के 26 सहित अन्य खाद्य पदार्थों के 61 नमूने लिए हैं.
इन लिए गए सारे पदार्थों के नमूनों को जांच के लिए ऊधम सिंह नगर के जिला मुख्यालय रुद्रपुर स्थित उत्तराखंड राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला में भेजा था. पदार्थों की जांच करने के बाद खाद्य उपायुक्त ने यह बताया कि दूध और उससे बने उत्पादों में फैट की मात्रा कम, चार्ज की मात्रा अधिक और पनीर में डिटर्जेंट पाउडर मिलने पर 8 नमूने फेल हुए हैं.
दूध के अलावा मिठाइयों के 23 नमूने, धनिया पाउडर और सब्जी मसाले में रंग की मात्रा मिलने पर 23 नमूने, दाल के नौ एवं अन्य खाद्य पदार्थेां के चार नमूने फेल हुए हैं. ऐसे ही मिलाकर लाए गए कुल 250 नमूनों में से कुल 68 नमूने फेल हुए हैं. जिसके बाद संबंधित जनपदों को इसकी एक रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है. अब इन्हीं रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.