उत्तरकाशी के यमुनोत्री धाम के निकट स्थित राना चट्टी गांव में एक गर्भवती महिला को सड़क किनारे एक दुकान की गैलरी में बच्ची को जन्म देना पड़ा, जिससे सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी उजागर हुई है।यह घटना तब हुई जब महिला को प्रसव पीड़ा हुई और परिजनों ने उसे राणा चट्टी के एएनएम सेंटर में भर्ती कराया, लेकिन वहां एएनएम नहीं मिली। यह घटना सरकार के दावों की पोल खोलती है कि मानसून के दौरान गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
यमुना घाटी से संदीप राणा की रिपोर्ट के अनुसार, यमुनोत्री धाम यात्रा के दौरान राणा चट्टी में एक गर्भवती महिला को स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण सड़क किनारे बच्ची को जन्म देना पड़ा। 24 अगस्त को बनास गांव की गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन राणा चट्टी एएनएम सेंटर में एएनएम नहीं मिली, जिसके बाद परिजन उसे 45 किलोमीटर दूर बड़कोट ले जा रहे थे।
रास्ते में महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई और उसे गाड़ी से उतारकर सड़क किनारे बच्ची को जन्म देना पड़ा। यह घटना स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को उजागर करती है।उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में एक गर्भवती महिला को सड़क किनारे एक दुकान में बच्ची को जन्म देना पड़ा, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी उजागर हुई है।
परिजनों ने महिला को दुकान में बैठाया, जहां उसने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने 108 सेवा को सूचना दी, जिसने मां और बच्ची को बड़कोट ले जाकर उपचार दिलाया। यह घटना सरकार के स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों की पोल खोलती है और पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को दर्शाती है।